शौचालय निर्माण तथा भुगतान में यहां कई खामियां : डीडीसी
मधुबनी। डीडीसी अजय कुमार सिंह ने शनिवार को लखनौर प्रखण्ड कार्यालय के नए भवन हॉल में विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। बैठक में पंचायत सचिव इन्दिरा आवास सहायक एवं शौचालय निर्माण से जुड़े कर्मी मौजूद थे।
मधुबनी। डीडीसी अजय कुमार सिंह ने शनिवार को लखनौर प्रखण्ड कार्यालय के नए भवन हॉल में विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की। बैठक में पंचायत सचिव, इन्दिरा आवास सहायक एवं शौचालय निर्माण से जुड़े कर्मी मौजूद थे। डीडीसी श्री कुमार ने बताया कि शौचालय निर्माण तथा भुगतान में यहां कई खामियां मिली है। उन्होने कहा कि शौचालय निर्माण का जीरो टैगिग मात्र 65 से 66 प्रतिशत हुआ है। उसमें भी भुगतान मात्र 51 प्रतिशत किया गया है। 1600 से 1700 लाभुकों का भुगतान किया जाना है। जुड़े कर्मियों को हर हाल में 20 अक्टूबर तक जीरो टैगिग पूरा करने तथा भुगतान कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होने कहा कि आवास योजना में प्रखण्ड लक्ष्य से काफी पीछे है। चालू वित्तीय वर्ष में 3117 आवास का लक्ष्य दिया गया है जिसमें मात्र 1281 आवास ही स्वीकृत हुआ है। 784 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि निर्देश है कि 20 अक्टूबर तक बाकी बचे लाभुकों को चिन्हित कर आवास योजना स्वीकृत करायी जाए तथा नए लाभुकों को प्रथम किस्त तथा पुराने लाभुकों को द्वितीय किश्त का भुगतान सुनिश्चित हो। आवास योजना में काफी कम प्रगति वाले बेलौंचा एवं बलिया पंचायत के आवास सहायक को कारण पृच्छा डीडीसी ने किया है और एक सप्ताह में लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा आवास सहायकों को दीपावली के अवसर पर यह काम सौंपा गया है कि वे कम से कम 1200 लाभुकों का गृहप्रवेश लक्ष्मी पूजा के दिन करावें। हलांकि काम की प्रगति को देखते हुए डीडीसी का यह आदेश अमलीजामा ले पाएगा इसमें शंका दिख रही है। डीडीसी ने बताया कि सात निश्चय की समीक्षा में 160 नल जल पर काम होने की बात सामने आई जिसमें मात्र 72 नल जल योजना ही पूरा हो पाया है। उन्होंने कहा कि इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया।
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बैठक के बाद शिकायत : बैठक के बाद डीडीसी बीडीओ प्रकोष्ठ में थे। यहां कछुवी के नौ वार्ड पार्षदों ने मुखिया पर शिकायत करते हुए डीडीसी से कहा कि मुखिया वार्ड सदस्यों से जबरन चेक पर हस्ताक्षर कराकर चेक ले लेते हैं और मनमानी रूप से पैसा की निकासी कर लेते हैं। पहले तो डीडीसी ने वार्ड मेम्बर को लताड़ा और फिर बीडीओ मो. मुश्ताक अहमद एवं एक जेई को संयुक्त रूप से पंचायत की योजनाओं की जांच करने तथा वार्ड सदस्यों की शिकायत की जांच कर प्रतिवेदन भेजने का निर्देश बीडीओ को दिया। इसके बाद कई मुखिया जिसमें कछुवी के मुखिया पति भी मौजूद थे, डीडीसी को आवेदन देकर शिकायत की कि हारे हुए मुखिया तथा उपद्रवी तत्व जान बूझकर मुखिया के खिलाफ शिकायत करते रहते हैं ताकि दबाब बनाकर काम लिया जा सके।