मैथिल सनातन परंपरा को समृद्ध करेगी दामोदर झा ग्रंथावली
ठाढ़ी गांव के प्रकांड विद्वान स्व. दामोदर झा रचित दामोदर झा ग्रंथावली का लोकार्पण सह विमोचन कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हुआ।
मधुबनी। ठाढ़ी गांव के प्रकांड विद्वान स्व. दामोदर झा रचित दामोदर झा ग्रंथावली का लोकार्पण सह विमोचन कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम गांव के प्रसिद्ध प्राचीन दुर्गास्थान परिसर में आयोजित किया गया था। पुस्तक दामोदर झा ग्रंथावली छह भागो में विभक्त है। पुस्तक तीन खंड में मैथिली और बांकी तीन खंडों में ¨हदी और संस्कृत भाषा में रचित उनकी रचनाओं का संकलन है। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता डॉ. गंगाराम झा और संचालन रत्नेश्वर झा ने किया।
कार्यक्रम दो सत्रों पुस्तक विमोचन और कवि गोष्ठी में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिथिला के दिग्गज विद्वान डॉ. किशोरनाथ झा थे। उदय चंद्र झा विनोद, डॉ. नीरजा रेनू, डॉ. दिलीप कुमार झा, प्रीतम निषाद, प्रो. बंसीधर मिश्र और दयाशंकर मिथिलांचली विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत भगवती बन्दना जय जय भैरवी से शुरू हुआ। जन्मांध कुमारी आशु ने अपनी मोहक आवाज से लोगो को भाव विभोर कर दिया। भगवती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा स्व पंडित दामोदर झा के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। रत्नेश्वर झा ने अपने स्वागत भाषण से अतिथियों का स्वागत और मिथिलेश्वर झा ने कार्यक्रम का विषय प्रवेश किया। अनिल कुमार झा ने इस पुस्तक का संकलन और प्रकाशन में प्रमुख भूमिका अदा की है।
समारोह मे पुस्तक के संदर्भ में मुख्य अतिथि किशोर नाथ झा सहित एक दर्जन से अधिक विद्वानों ने गंभीर चर्चा की। अतिथियों ने कहा कि ये रचना मैथिल सनातन परंपरा को भी समृद्ध करेगी। साथ ही पुस्तक उस समस्य के सामाजिक और राजनीतिक हालत को समेटे ज्ञान और गाम्भीर्य से ओतप्रोत है। आयोजन में पं सुशील झा, पं महेश झा, सियाराम झा, राधेश्याम झा, देवकांत दिवाकर, आमोद झा, बीनू झा, सुबोध कुमार झा सहित दर्जनो ग्रामीण उपस्थित थे।