लॉकडाउन में निर्मल हो गई धौंस की धारा, पीने के साथ सिंचाई में होने लगा पानी का इस्तेमाल
लॉकडाउन के दौरान नेपाल के पहाड़ों से निकली मधवापुर प्रखंड के मध्य होकर बहने वाली अधवारा समूह की धौंस नदी का जल निर्मल हो गया है।
शिवचंद्र सुमन, मधवापुर (मधुबनी)। लॉकडाउन से पर्यावरण को काफी फायदा हुआ है। भारत के साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में फैक्ट्रियां बंद रहने और सड़कों पर गाडिय़ां कम होने से इसमें काफी सुधार हुआ है। नेपाल के पहाड़ों से निकली मधवापुर प्रखंड के मध्य होकर बहने वाली अधवारा समूह की धौंस नदी का जल निर्मल हो गया है। लोग इसका पानी फिर इस्तेमाल करने लगे हैं।
कभी काला हो गया था पानी
धौंस का जल भारतीय सीमा क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान था। मधवापुर प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांवों में इसके पानी का इस्तेमाल सिंचाई से लेकर पीने तक में होता था। लेकिन, दो दशक पूर्व नेपाल के महेंद्रनगर स्थित फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी नदी में गिराने से इसका पानी काला हो गया था। नदी के किनारे बसे नेपाल व भारतीय क्षेत्र के दर्जनों गांवों की हजारों एकड़ भूमि बंजर हो गई थी। पशुपालकों के लिए भी यह गंदा पानी अभिशाप बन गया था। इसे पीने से बहुत से मवेशी असमय काल के गाल में समा गए थे। इसके पानी के इस्तेमाल से लोग चर्म रोग के शिकार होते थे।
नदी को बचाने के लिए हुए थे बहुत प्रयास
नदी को बचाने के लिए बहुत प्रयास हुए। क्षेत्र के कई लोगों ने आवाज भी उठाई। लेकिन, सफलता नहीं मिली। पशुपालक व किसान रामचंद्र ठाकुर व 75 वर्षीय किशोरी महतो कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण नेपाल की फैक्ट्रियां बंद होने से नदी निर्मल हो गई है। इससे लोग काफी खुश हैं।
फिर प्रदूषित होने का भी भय
80 वर्षीय किसान भोगेंद्र झा कहते हैं कि किसानों को भय है कि लॉकडाउन के बाद नदी फिर प्रदूषित हो जाएगी। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कुछ करना चाहिए। बासुकी बिहारी दक्षिणी पंचायत के मुखिया अमरेंद्र कुमार राय उर्फ राजू ने बताया कि धौंस का पानी निर्मल रखने के लिए क्षेत्र के सांसद को पहल करनी चाहिए। प्रखंड कृषि पदाधिकारी शिवनाथ झा ने बताया कि धौंस की जलधारा स्वच्छ हो चुकी है। किसान इससे सिंचाई कर सकते हैं। मगर, लॉकडाउन समाप्त होने पर कल-कारखाने शुरू होते ही फिर इसका पानी दूषित हो जाएगा। इसका ध्यान रखना होगा।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से करेंगे बात
मधुबनी सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव ने बताया कि धौंस को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उन्होंने फरवरी में संसद में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। लॉकडाउन के बाद भी नदी साफ रहे, इसे लेकर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से बात करेंगे।