कमला फिर खतरे के निशान से ऊपर, नरूआर में घुसा बाढ़ का पानी
मधुबनी। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से जिले में फिर बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। झंझारपुर से होकर गुजरने वाली कमला बलान नदी का पानी नरूआर टूट स्थल से बहाव करते हुए नरूआर गांव में प्रवेश कर गया है। इससे वहां सड़कों पर पानी का फैलाव हो रहा है।
मधुबनी। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से जिले में फिर बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। झंझारपुर से होकर गुजरने वाली कमला बलान नदी का पानी नरूआर टूट स्थल से बहाव करते हुए नरूआर गांव में प्रवेश कर गया है। इससे वहां सड़कों पर पानी का फैलाव हो रहा है। वहीं मधेपुर में कोसी के जलस्तर में वृद्धि से घरों का कटाव हो रहा है। जबकि लौकही में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में उछाल आने से घोरदह नदी के डायवर्सन से पानी का बहाव शुरू हो गया है। इससे इस सड़क पर आवागमन ठप हो गया है।
झंझारपुर से संस के अुनसार कमला बलान नदी के जलस्तर में दो माह बाद फिर काफी वृद्धि हुई है। यह नदी झंझारपुर में खतरा के निशान से 1.85 मीटर ऊपर बह रही है। नरुआर टूटान स्थल बांध पर जहां बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल द्वारा कराए गए निरोधात्मक कार्य कराया गया था वहां बाढ़ का पानी इसके उपर से बह रहा है। नरूआर गांव में बाढ़ का पानी एक बार फिर प्रवेश कर गया है। कई रास्तों पर एक से डेढ़ फीट पानी है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। वे बहुमूल्य सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगे हैं। नरूआर के मुखिया के घर के सामने वाले पथ पर भी बाढ़ का पानी गुरुवार को बहाव करने लगा। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या-एक के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गुरुवार सुबह आठ बजे कमला बलान खतरा के निशान से ऊपर बहाव कर रही है। इसके जलस्तर में कमी के संकेत है। शाम चार बजे यह घटकर खतरा के निशान से 1.55 मीटर पर आ गई। बाढ़ के जानकार बताते हैं कि अगर मौसम का मिजाज बदला तो नरूआर में एक बार फिर बाढ़ का संकट आ सकता है। एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने भी गांव में पानी के प्रवेश पर कहा कि प्रशासन नजर बनाए हुए है। हर परिस्थिति से निपटने की तैयारी है।
मालूम हो कि 13 जुलाई की रात नरूआर उसराहा में बांध टूटने से कई घर जमींदोज हो गए थे। एक सप्ताह तक बहुत बड़ी आबादी बाढ़ से घिरी रही। झंझारपुर के ओझौल-गोपलखा में भी 14 जुलाई की सुबह बांध टूटा था। आज भी नरूआर में सार्वजनिक रसोई प्रशासन द्वारा चलाई जा रही है। बाद में जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा के दौरे के बाद विभाग ने बांध में और टूटान को रोकने तथा टूटान स्थल के दोनों तरफ को तत्काल जोड़ दिया था। ताकि आवागमन चालू हो सके। ---------------------------
कोसी के जलस्तर में वृद्धि से हो रहा कटाव
फोटो 19 एमडीबी 26
मधेपुर से संस के अनुसार विगत कुछ दिनों से रूक-रूक हो रही बारिश से प्रखंड क्षेत्र के नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है। कोसी के जलस्तर में वृद्धि से गढ़गांव, बसीपट्टी, भरगामा, द्वालख, महपतिया, डारह व बकुआ पंचायत के निचले हिस्से में पानीभर गया है। नदी के पेट में जलभराव के चलते कई जगहों पर कटनियां भी लग गया है। कई घर नदी में समा सकते हैं। दर्जनों लोग अपना घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। बकुआ गांव के मोहन यादव, बटोही यादव, शिव यादव आदि के घरों में कटनियां लगने की खबर है। वहीं, कमला के जलस्तर में वृद्धि से दर्जिया, भगवानपुर नवटोलिया, रहिका व अन्य गांव के लोग दहशत में हैं। बीडीओ एवं सीओ पुलक कुमार ने बताया कि नदियों के जलस्तर बढ़ने की सूचना है। मगर, अभी घबराने वाली बात नहीं है।
-----------------------------------
पहाड़ी नदियों के जलस्तर में
वृद्धि से किसानों में खुशी
फोटो 19 एमडीबी 19 लौकही से संस के अनुसार प्रखंड क्षेत्र मे पिछले दो दिनों मे हुई वर्षा से किसानों मे हर्ष है। धान की फसल के लिए यह वर्षा अमृत की तरह है। हालांकि, प्रखंड के सभी पहाड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ा है। घोरदह नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया है कि निर्मली- कुनौली पथ के नरेंद्रपुर के समीप डायवर्सन के ऊपर से पानी बह रहा है। फलस्वरूप निर्मली-कुनौली पथ पर आवागमन अवरुद्ध हो गया है। वैसे लोगों का अनुमान है कि फिलहाल वर्षा बंद है। डायवयर्सन पर पानी कुछ समय में कम हो जाएगा। इसके बाद आवागमन चालू होने की उम्मीद है।