झंझारपुर सीट पर RJD अब तक कन्फ्यूज, कैंडिडेट को लेकर लालू-तेजस्वी की पसंद अलग-अलग; 12 अप्रैल से शुरू होगा नामांकन
Bihar Politics झंझारपुर सीट पर भी भी सस्पेंस बरकरार है। राजद ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 12 अप्रैल से यहां नामांकन शुरू होगा। सात मई को चुनाव है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पसंद अलग-अलग है। राजद की घोषणा के बाद महागठबंधन और एनडीए दोनों ओर से कुछ बागी मुखर होंगे यह तय माना जा रहा।
ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। Lok Sabha Election झंझारपुर लोकसभा सीट (Jhanjharpur Seat) राजद के पाले में है, लेकिन अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है। 12 अप्रैल से यहां नामांकन शुरू होगा। सात मई को चुनाव है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पसंद अलग-अलग है।
लालू ओल्ड इज गोल्ड खोज रहे तो तेजस्वी यंग ब्रिगेड को मौका देना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि टिकट की दावेदारी में जदयू के पुराने साथी और राजद (RJD) के युवा नेता के बीच नजदीकी मुकाबला हो सकता है। वहीं, एक चर्चा क्षेत्र में बहुत तेजी से चल रही कि मुकेश सहनी वीआइपी को यह सीट राजद से गठबंधन कर पाना चाहते हैं।
वीआइपी, 2019 के चुनाव में मधुबनी सीट से चुनाव लड़ चुकी है। इसे देखते कुछ लोग इस चर्चा में दम भी मान रहे हैं। हालांकि इसमें कितना दम है, यह तो राजद की आधिकारिक घोषणा के बाद ही साफ होगा। मगर, राजद की घोषणा के बाद महागठबंधन और एनडीए, दोनों ओर से कुछ बागी मुखर होंगे, यह तय माना जा रहा। एनडीए की ओर से रामप्रीत मंडल को टिकट मिला है।
यादव और मुस्लिम मिलाकर करीब छह लाख वोटर
एनडीए प्रत्याशी और राजद की ओर से चर्चा में आए नाम देखें तो माना जा रहा कि इसबार दोनों प्रमुख गठबंधन अतिपिछड़ा बनाम अतिपिछड़ा ही करा सकते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में अतिपिछड़ा वोटर सबसे ज्यादा करीब 6.50 लाख हैं। इसके बाद यादव और मुस्लिम मिलाकर करीब छह लाख वोटर हैं।
सवर्णों में सबसे ज्यादा ब्राह्मण करीब 3.50 लाख वोटर हैं। ये सबसे ज्यादा झंझारपुर विधानसभा में हैं। इसके बाद दलित, महादलित और सवर्णों की दूसरी जातियां हैं। एनडीए के उम्मीदवार अतिपिछड़ा धानुक समाज से हैं।
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