जय-जय अंबे, जय जगदंबे जय-जयकार करै छी हे
मधुबनी। जिले में शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा की आराधना जारी है। मंगलवार को मां के चौथे स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की गई।
मधुबनी। जिले में शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा की आराधना जारी है। मंगलवार को मां के चौथे स्वरूप कुष्मांडा की पूजा की गई। इस बार पूजा पंडालों में कोरोना के नियमों का पालन कर पूजा अर्चना की जा रही है। शाम में दीपोत्सव कर महिलाएं मां से आशिर्वाद ले रही हैं। फुलपरास: नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न पूजा स्थल पर देवी के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा की गई। मौके पर घोघरडीहा, डेवढ़, हटनी, गाडाटोल, सिजौलिया, सिसबाबही, सिसबार, कालापट्टी सहित क्षेत्र अवस्थित दुर्गा मंदिर समेत अनुमंडल के अन्य मंदिरों में विधान पूर्वक दुर्गा सप्तशती का विधिवत पाठ कर पूजा अर्चना की गई। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा का प्रावधान है। आचार्य राजेश झा ने बताया कि देवी आराधना के लिए अतिविशिष्ट शारदीय नवरात्र के चौथे दिन महामाया के कूष्मांडा रूप के पूजन वंदन का विधान है।
'कुत्सित: ऊष्मा कूष्मा -त्रिविधतापयुत: संसार: स अंडे मांसपेश्यामुदररुपायो यषाय: सा कूष्मांडा' अर्थात तीन प्रकार के तप से युक्त संसार जिनके उदर में स्थित है, वे भगवती कूष्मांडा कहलाती है। मान्यता है कि इनके उपासना से मनुष्य त्रिविधता पर आध्यात्मिक,आधिभौतिक,आधिदैविक से मुक्त होकर अंत में परमपद को प्राप्त करता है।
रहिका : प्रखंड क्षेत्र में शारदीय नवरात्र पूरे भक्ति के माहौल में जारी है। रहिका पुरानी दुर्गा के साथ परिसर में निर्मित मां दुर्गे की आराधना में लोग लगे हुए हैं। सतलखा जनक डीह पर बने पूजा पंडाल को बल्व की लड़ियों से सजाया गया है। जो मनोरम दृश्य उपस्थित कर रहा है।