निर्धन मेधावी बच्चों को आर्थिक मदद इंदिरा का संकल्प
मधुबनी। शिक्षा के बढ़ावा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं की आर्थिक मदद देकर उनकी पढाई जारी रखना इंदिरा चौधरी का लक्ष्य है।
मधुबनी। शिक्षा के बढ़ावा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं की आर्थिक मदद देकर उनकी पढाई जारी रखना इंदिरा चौधरी का लक्ष्य है। इस लक्ष्य पर चलते हुए इंदिरा चौधरी ने अपनी अलग पहचान बनाई है। जिले के राजनगर प्रखंड के कोइलख गांव निवासी वरीय अधिवक्ता देवेंद्र चौधरी की पत्नी इंदिरा चौधरी अपने स्वजनों के सहयोग से पांच वर्षों से निर्धन मेधावी बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा रही है। इसके लिए वे प्रतिवर्ष एक दर्जन बच्चों का चयन करती हैं। चयनित बच्चों को नौवीं से लेकर स्नातक तक की शिक्षा का खर्च प्रदान करते हैं। इस कार्य में इनके स्वजन गजेन्द्र चौधरी और पुत्र गिरीद्र चौधरी का सहयोग मिलता है। वे शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज सेवा व पर्यावरण संरक्षण कार्य के लिए इन्द्रमाया उपेंद्र चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की है। हालांकि अबतक बगैर सरकारी आर्थिक सहयोग के गैर निबंधित इस ट्रस्ट के माध्यम से तीन दर्जन से अधिक बच्चों की शिक्षा पर खर्च के अलावा समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण के कार्य पर पांच लाख से अधिक रूपये का अपने व्यक्तिगत तौर पर कर चुकी है। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए सदैव सजग रहते हैं। धन के अभाव में किसी भी बच्चों की शिक्षा बाधित होने से देश का विकास बाधित हो जाता है। शिक्षा के विकास से ही समाज का समुचित विकास संभव होगा। मेधावी बच्चों को आर्थिक सहयोग को तत्पर इंदिरा चौधरी ने बताया कि शिक्षा के साथ मानव मूल्य और अन्य प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों का मानसिक विकास जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा बहाल रखने के लिए यह मार्ग चुना। आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के मदद से आत्म संतुष्टि मिल रही है। भविष्य में निश्शुल्क शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाओं को आगे बढ़ाने की है।