Move to Jagran APP

शाम होते ही मिथिला दीप हाल्ट पर छा जाता अंधेरा, यात्रियों को होती असुविधा

मधुबनी । सात मई को झंझारपुर-आसनपुर कुपहा रेलखंड के रेल परिचालन के उद्घाटन के बाद आठ मई से तीन जोड़ी डेमू ट्रेन का लहेरियासराय से सहरसा तक नियमित परिचालन प्रारंभ हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 11:33 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 11:33 PM (IST)
शाम होते ही मिथिला दीप हाल्ट पर छा जाता अंधेरा, यात्रियों को होती असुविधा
शाम होते ही मिथिला दीप हाल्ट पर छा जाता अंधेरा, यात्रियों को होती असुविधा

मधुबनी । सात मई को झंझारपुर-आसनपुर कुपहा रेलखंड के रेल परिचालन के उद्घाटन के बाद आठ मई से तीन जोड़ी डेमू ट्रेन का लहेरियासराय से सहरसा तक नियमित परिचालन प्रारंभ हो चुका है। रेल परिचालन शुरू होने से झंझारपुर जंक्शन से पूरब मिथिला दीप हाल्ट एक बार फिर यात्रियों से गुलजार हो उठा है। छह साल तक यह स्टेशन वीरान था। 2016-17 में आमान परिवर्तन के लिए मेगा ब्लॉक के बाद से इस स्टेशन पर गाड़ियों का परिचालन बंद था, लेकिन रेलखंड के चालू होते ही इस हाल्ट पर एक बार फिर यात्रियों की भीड़ जुटने लगी है। हालांकि, यहां अभी भी यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है।

loksabha election banner

--------------

स्टेशन का अब तक बिजली कनेक्शन नहीं :

मिथिला दीप हॉल्ट पर विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस हॉल्ट के लिए बिजली का कनेक्शन अभी तक नहीं लिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 10 से 15 सोलर लाइट लगाए गए है, लेकिन एक भी सोलर लाइन रोशनी देने में सक्षम नहीं है। बताया गया कि यहां लगाया गया बैट्री काम ही नहीं कर रहा है। रात को ट्रेन से उतरने वाली यात्रियों को मोबाइल की लाइट में अपने गंतव्य की ओर हॉल्ट से उतरकर जाना पड़ता है, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है।

-----------------

प्लेटफार्म पर सार्वजनिक शौचालय का अभाव :

हॉल्ट के पूरे प्लेटफार्म पर एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। प्लेटफार्म की पूरब दिशा की ओर यूरिनल बना हुआ है, लेकिन रेल परिचालन प्रारंभ होने से पूर्व ही आम लोगों ने इसे गंदा कर दिया है। हॉल्ट के प्लेटफार्म से निकासी के लिए मात्र एक सीढ़ी बनाई गई है जो उतर दिशा की ओर यात्रियों को उतारती है। सीढ़ी इतनी खड़ी है कि उतरते समय अगर थोड़ी सावधानी हटी तो यात्री को नुकसान हो सकता है। पूरे प्लेटफार्म पर पीने योग्य पानी का अभाव है। पूरब दिशा की ओर एक चापाकल है और पश्चिम दिशा की ओर एक चापाकल है।

----------------

दिव्यांग व वृद्ध के लिए यहां से यात्रा करना बेहद कठिन :

हॉल्ट पर पहुंचने के लिए दक्षिण दिशा से आनेवाले यात्रियों को रेल गुमटी पार कर करीब एक किलोमीटर की यात्रा कर आना पड़ता है। दक्षिण दिशा की ओर कोई सीढ़ी या रैंप नहीं दिया गया है। दिव्यांग और वृद्ध व्यक्ति के लिए कहीं कोई रैंप की व्यवस्था नहीं है। प्लेटफार्म पर लगे बेंच में से कई सिमेंटेड बेंच टूट चुके हैं। दीप रेल गुमटी से लेकर हॉल्ट तक आने वाले सीधा रास्ता के बगल में नाला बना हुआ है, लेकिन एप्रोच पथ नहीं बनाई गई है। दीप गांव के ग्रामीण मो. नजाम, नीतीश रंजन, लक्ष्मीकांत मंडल, भुवन प्रसाद ने बताया कि रेल विभाग को हॉल्ट तक पहुंचने के लिए एप्रोच पथ बनाना चाहिए और बिजली, पानी एवं शौचालय की तुरंत व्यवस्था करनी चाहिए। इस हॉल्ट से प्रतिदिन विभिन्न स्टेशनों के लिए तीन से चार हजार रुपये तक का टिकट प्रतिदिन कट रहा है।

----------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.