कवियों के काव्यपाठ से गुलजार रही महफिल
मिथिलांचल के विभिन्न क्षेत्रों से अनुमंडल के खड़ौआ उच्च विद्यालय पर आए कवि, गजलकारों के काव्य गान से मह़िफल गुल•ार होता रहा।
मधुबनी। मिथिलांचल के विभिन्न क्षेत्रों से अनुमंडल के खड़ौआ उच्च विद्यालय पर आए कवि, गजलकारों के काव्य गान से मह़िफल गुल•ार होता रहा। अवसर था महाकवि पं. लालदास के जयन्ति सह स्मृतिपर्व समारोह के आयोजन पर समिति द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी का। काव्य गोष्ठी का संचालन मैथिली के ख्यातिलब्ध समीक्षक अनिल ठाकुर अपने चिर परिचित अंदाज में कर रहे थे। काव्य गोष्ठी में भाग लेने वाले सभी आमंत्रित कवियों को समिति द्वारा फूल की माला एवं महाकवि स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया ।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ: देश के नामचीन गजलकार सदरे आलम गौहर द्वारा किया गया उन्होंने अपनी ़ग•ाल, सत कहै छी अहाँ केँ अ¨ह प्राण हमर छी से ज्योहीं आगा•ा किया कि श्रोता आह एवं वाह करने पर मजबूर हो गए। ख्यातिलब्ध कवि गीतकार शम्भु सौरभ ने अपनी गीत पानिक बीच पियासल तैयो हम छी सांझ, परात गाकर मह़िफल को गुल•ार बना डाला। स्थापित कवि प्रीतम निषाद ने अहो महाकवि लालदासजी शीर्षक रचना से महाकवि लालदास को श्रद्धासुमन अर्पित किया। मिथिलांचल के हृदयस्थली दरभंगा से पधारे मैथिली मंच के सुप्रसिद्ध कवि प्रभाष अ¨कचन ने अपनी रचना, जतय मिथिला ओतय मैथिली सुसुप्त, जतय मैथिली ओतय मिथिला लुप्त, सुनाकर कुछ देर के लिए श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर डाला। काव्य गोष्ठी में युवा कवि गौरीशंकर साह ने जे छी हमरए नारायण झा ने हरेक मनुख असगरे, उमेश पासवान ने चीरहरण, आनंद कुमार झा ने स्पद्र्धा के बाजार में, रामप्रीत पासवान की कविता के अपन, रसिक लाल सदाय ने अपनी रचना शीत लहर, रामविलास साहु की कविता कर्मक बल पर, बमबम झा हम अहां सब सं पुछैत छी, डॉ. रंजन दास ने मां आइयो हम बच्चे छी सुनाकर तालियां बटोरने में कामयाब हुए । वहीं ़ग•ालकार प्रदीप पुष्प ने अपनी ़ग•ाल माय अहां छोड़ि देलहुं काया से श्रोताओं को काफी प्रभावित किया । लोक कवि रामदेव मंडल ने कैमरा सं तस्वीर बनबै, नंद विलास राय की कविता बेटी बचाउ बेटी पढ़ाउ, दुर्गानन्द मंडल की रचना शिक्षाक बौछार, नारायण यादव की कहैत छला भाइ•ाी, कवि शिव कुमार मिश्र की रचना स्वीकार करू हे संतराज को लोंगो द्वारा काफी सराहा गया। काव्य गोष्ठी के अंत में गोष्ठी के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद मंडल ने अपनी कविता धरा धार धारण करै छै का पाठ किया। समापन भागीरथ ठाकुर द्वारा महाकवि रचित महेशवाणी के गायन से किया गया। काव्य गोष्ठी के बाद मंच से मिथिला संस्कार संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी से पधारी पायल दत्ता एंड ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किया गया। देर रात तक दर्शक झिझिया, जट-जटिन सामा चकेवा जैसे भाव नृत्य एवं गायक दिवाकर जी, गायिका काजल दत्ता, खुशबू दत्ता के गानों का लुत्फ उठाते रहे। कार्यक्रम में ऑर्गन पर संतोष आनंद जी और नाल पर बारह वर्षीय बाल नालवादक अवधेश झा ने कुशल संगती दी । समिति के उपाध्यक्ष अजय कुमार दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रमेश कुमार दास, सत्येंद्र कुमार दास, राजेन्द्र कुमार दास, अभिषेक आनन्द, मनीष मनोहर, आमोद कुमार दास, बबलू, सुमित सौरभ, अखिलेश कुमार लाल, पल्लव कौशिक, काली कुमार दास, नितेश आनंद के साथ समिति के सभी सदस्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।