छह में पांच एपीएचसी बीमार, स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे
जिले में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे हैं। स्वास्थ्य विभाग के दावे बड़े हैं लेकिन धरातल पर सच कुछ और ही है। इसकी एक बानगी पेश कर रहा है जिला मुख्यालय से सटा पंडौल प्रखंड। यहां ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंडौल पीएचसी के अंतर्गत छह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) को प्रारंभ किया गया लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं और निजी अस्पतालों में उनका आर्थिक शोषण हो रहा है।
मधुबनी । जिले में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे हैं। स्वास्थ्य विभाग के दावे बड़े हैं, लेकिन धरातल पर सच कुछ और ही है। इसकी एक बानगी पेश कर रहा है जिला मुख्यालय से सटा पंडौल प्रखंड। यहां ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंडौल पीएचसी के अंतर्गत छह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) को प्रारंभ किया गया, लेकिन, ग्रामीण क्षेत्र के लोग अभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटक रहे हैं और निजी अस्पतालों में उनका आर्थिक शोषण हो रहा है। सच यह है कि इन छह एपीएचसी में से पांच में चिकित्सा कार्य ठप हैं। ये हम नहीं कह रहे, जिले के सिविल सर्जन खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं।
पंडौल प्रखंड के इन छह एपीएचसी का निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट में उन्होंने इस सच को स्वीकार किया है। पंडौल पीएचसी प्रभारी को एक सप्ताह के अंदर सभी त्रुटियों का निष्पादन कर इन एपीएचसी का संचालन प्रारंभ करने का निर्देश भी दिया गया है। हालांकि, लोगों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर बीत गई और दूसरी लहर भी अब कमजोर पड़ने लगी है। ऐसी विषम परिस्थिति में जब इन एपीएचसी का संचालन नहीं हो सका तो एक सप्ताह में कोई चमत्कार नहीं होने वाला। ----------------- एपीएचसी 1 - राजकीय औषधालय, सकरी निरीक्षण के दौरान यहां एकमात्र चतुर्थ वर्गीय कर्मी गुड़िया कुमारी मिली। बताया कि आयुष चिकित्सक डॉ. सुनीता कुमारी अभी तक नहीं आई हैं। उपस्थिति पंजी मांगने पर बताया गया कि कुछ दिन पूर्व अभिलेखों की चोरी हो गई। भवन जीर्ण-शीर्ण मिला। आसपास गंदगी का अंबार। चिकित्सा कार्य ठप। चिकित्सक का एक दिन का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण का निर्देश दिया गया। ------------- एपीएचसी 2 - मोहन बढि़याम
भवन तैयार है। केंद्र के लिए पदों के सृजन के संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हैं। भवन में जाने के रास्ते पर जलजमाव है। भवन में प्रवेश कर पाना मुश्किल है। चिकित्सा कार्य ठप। रास्ते में मिट्टी भरवाने के लिए उच्चाधिकारी से पत्राचार का निर्देश दिया गया। ---------------------- एपीएचसी 3 - नरपतिनगर यहां एपीएचसी का भवन अब तक निर्माणाधीन है। भवन निर्माण बीएमएसआइसीएल, पटना के माध्यम से हो रहा है। बताया गया कि तीन माह में भवन निर्माण पूरा हो जाएगा। यहां भी पदों के सृजन संबंधी कोई पत्र अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं। चिकित्सा कार्य ठप। ------------------- एपीएचसी 4 - हरिपुर चौक एपीएचसी बंद पाया गया। कोई कर्मी उपस्थित नहीं थे। लोगों ने बताया कि कर्मी कभी-कभी ही आते हैं। यहां के सभी कर्मियों का वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। सभी को तीन दिनों में स्पष्टीकरण का जवाब देने को भी कहा गया है। चिकित्सा कार्य ठप। ----------------- एपीएचसी 5 - लोहट यह एपीएचसी भी बंद पाया गया। सभी कमरों में ताले लटक रहे थे। यहां भी सभी कर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोकने और उन्हें तीन दिनों में स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश दिया गया। यहां भी चिकित्सा कार्य ठप मिला। ---------------------- एकमात्र चालू एपीएचसी में 20 अप्रैल के बाद प्रसव कार्य ठप : निरीक्षण में छह में केवल एक सरिसवपाही स्थित एपीएचसी चालू मिला। हालांकि, इसकी स्थिति भी बदहाल ही मिली। यहां 20 अप्रैल के बाद एक भी प्रसव नहीं हुआ है। तीन से सात मई तक ओपीडी पंजी में एक भी मरीज नहीं मिले। एनसीडी क्लिनीक नहीं चल रहा है। लैबोरेट्री संबंधी कोई जांच का कार्य नहीं हो रहा। आयुष चिकित्सक डॉ. महेश कुमार तीन से सात मई तक अनुपस्थित मिले। एक एएनएम व एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी मौजूद मिले। एक एएनएम अनुपस्थित और एक टीकाकरण के लिए संकोर्थु गई हुई थी। कर्मियों का अनुपस्थित अवधि का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण का निर्देश दिया गया। ------------------- अभिलेख चोरी की अब तक शिकायत दर्ज नहीं : राजकीय औषधालय के निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजी मांगने पर चतुर्थ वर्गीय कर्मी ने अभिलेखों के चोरी होने की बात कही। हालांकि, अभिलेखों की चोरी की अब तक कोई शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई गई है। पंडौल पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेके महतो के अनुसार उन्हें अभिलेख गायब होने की कोई सूचना ही नहीं है। वहीं, केंद्र पर पदस्थापित आयुष चिकित्सक डॉ. सुनीता कुमारी के अनुसार केंद्र का संचालन जर्जर भवन में हो रहा है जहां कागजात बर्बाद हो रहे थे। जब उन्हें संरक्षित करने के लिए उन्हें समेटा गया तो कई कागजात मिले ही नहीं। जो मिले उसे पीएचसी के सुपुर्द कर दिया गया। ----------------------- कोट : सरिसवपाही स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक को कोविड कार्य में लगाया गया था। उन्हें केंद्र पर बुलाया जा रहा है। मोहन बरियाम स्वास्थ्य केंद्र के आगे जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए डीएम से पत्राचार किया जाएगा। सकरी स्वास्थ्य केंद्र का भवन खंडहर बन गया है। यहां स्वास्थ्य सुविधा बहाल करने के लिए तत्काल भवन के लिए विभाग को लिखा जाएगा। अन्य केंद्रों के संचालन के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
- डॉ. सुनील कुमार झा, सिविल सर्जन, मधुबनी
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