Move to Jagran APP

मत्स्य पालकों एवं मखाना उत्पादकों को मिले संरक्षण : डॉ.प्रकाश नायक

मधुबनी। बीपी कोइराला इंडिया- नेपाल फाउंडेशन के सौजन्य से समाधान संस्था के तत्वावधान में होटल अतिथि के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 12:17 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 12:17 AM (IST)
मत्स्य पालकों एवं मखाना उत्पादकों को मिले संरक्षण : डॉ.प्रकाश नायक
मत्स्य पालकों एवं मखाना उत्पादकों को मिले संरक्षण : डॉ.प्रकाश नायक

मधुबनी। बीपी कोइराला इंडिया- नेपाल फाउंडेशन के सौजन्य से समाधान संस्था के तत्वावधान में होटल अतिथि के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था इंपैक्ट आफ ग्लेबल वार्मिग ऑन एक्वेटिक लाइफ एंड इट्स सोशियो इकानोमिक कंसिक्वेंसेज ऑन फिशरमैन। आगतों का स्वागत डॉ.लाल बाबू साह ने किया। सेमिनार का उदघाटन मुख्य अतिथि प्रकाश नायक, डॉ. विनोद पंजियार, डॉ.अमर कुमार, डॉ.मिथिलेश कुमार झा, डॉ.रामराजे सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित किया। संचालन समाधान के सचिव डॉ. विनय कुमार दास ने किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ.रचना शालिनी और ज्योति कुमारी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग से ग्लेशियर पिघल रहा है जो ग्लोबल वार्मिग का प्रभाव है। मिथिला में भी मछली और मखाना के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। मत्स्य कृषक महादेव सहनी ने कहा कि बढ़ती आबादी से जल की समस्या गंभीर हुई है और मत्स्य उद्योग प्रभावित हुआ है। नदियों में बालू के जमाव के कारण नदियां संकरी हो गई हैं। प्रगतिशील किसान आशुतोष ठाकुर ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन बहुत बड़ी समस्या है जिसे कम किया जाना चाहिए। भौतिक विज्ञानी डॉ.प्रकाश नायक ने कहा कि पेड़ पौधों के कट जाने से प्राकृतिक असंतुलन उत्पन्न हुआ है। कारखानों से निकलने वाले कार्बन, सल्फर के गैस से न सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ा है और ओजोन लेयर प्रभावित हुआ है। इसलिए पेड़ पौधा लगाना समय की मांग है। मत्स्य पालन एवं मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों को संरक्षण मिलना चाहिए। रामप्रकाश यादव ने फरक्का बांध को बाधक बतलाया। मरियम परवीन ने कहा कि प्रदूषण से जलीय पौधों के अनुवांशिक गुण प्रभावित हुए है। सिडिकेट सदस्य डॉ.अमर कुमार, प्रो.ब्रजकिशोर भंडारी, प्रो.इश्तियाक अहमद, महरूफ अहमद, डॉ.अरिन्दम कुमार, डॉ.अर्चना, डॉ.साध्वी, मंजू, संजू, पूनम सहित पचास प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे। इनमें नेपाल से आए दो दर्जन प्रतिभागी भी थे। सेमिनार की अध्यक्षता विनोद पंजियार ने की। संचालन डॉ.विनय कुमार दास ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ.अमर कुमार ने किया। सेमिनार में डॉ.हेम कुमार झा, डॉ.आदित्य कुमार लाल दास, डॉ.चंद्रगुप्त शर्मा, डॉ. समरेन्द्र मिश्र, प्रमोद अग्रवाल, निरेन्द्र गुप्ता, अशोक कुमार झा, लाल नारायण राउत, विभूति नाथ झा, पलट दास आदि उपस्थित थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.