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सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन बेखबर

मिथिलांचल के ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान की विशाल भूखंड का अतिक्रमण होता जा रहा है। उच्चैठ भगवती स्थान के अतिक्रमित हो रहे जमीन को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए प्रशासन के द्वारा सार्थक पहल नहीं की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:51 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:51 PM (IST)
सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन बेखबर
सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान की जमीन का हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन बेखबर

मधुबनी । मिथिलांचल के ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान की विशाल भूखंड का अतिक्रमण होता जा रहा है। उच्चैठ भगवती स्थान के अतिक्रमित हो रहे जमीन को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए प्रशासन के द्वारा सार्थक पहल नहीं की जा रही है। उच्चैठ भगवती स्थान की 22 एकड़ जमीन अतिक्रमण गंदगी व बदइंतजामी का शिकार होकर रह गया है। जबकि प्रशासनिक पदाधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक बराबर सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान में पूजा व दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन भगवती स्थान की अतिक्रमित हो रहे जमीन को खाली कराए जाने की दिशा में ठोस कदम नहीं कर रहे हैं। प्रशासन जहां बेखबर है वहीं अतिक्रमणकारियों का हौसला बढ़ता जा रहा है।

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सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान को अबतक पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल पाया है। इससे इस स्थान का समुचित विकास नही हो पाया है। सिद्धपीठ उच्चैठ को कहने के लिए 22 एकड़ का विशाल भूखंड है। लेकिन भगवती स्थान के पास महज दो एकड़ भूमि भी खाली नही रह गया है। सौन्दर्यीकरण के नाम पर यहां लाखों रूपये खर्च तो किए गए है लेकिन इसमें सौन्दर्यीकरण का काम कम और बंदरवाट अधिक हुआ है। अनुमंडल मुख्यालय से महज पांच किलो मीटर की दूरी पर उच्चैठ गांव में सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती विराजमान है। इस सिद्धपीठ के भूखंड पर आए दिन जमीन की अतिक्रमण कर अतिक्रमण कारियों के द्वारा झोपड़ी से लेकर आलीशान घर तक बना रहे हें। पदाधिकारियों व अधिकारियों का मौन धारण करना अतिक्रमण कारियों का मनोबल बढ़ा रहा है। कभी-कभी तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि बाहर से आए पर्यटको को यहां गाड़ी लगाना भी मुश्किल हो जाता है।

भगवती स्थान के जमीन पर चारों ओर तेजी से अतिक्रमण कर फूस की झोपड़ी व पक्का की मकान बनता जा रहा है। प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रही है। महत्वपूर्ण है कि शारदीय नवरात्र में बिहार बंगाल व नेपाल से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं मां उच्चैठ भगवती की दर्शन करने यहां आते है। सिद्धपीठ उच्चैठ के 22 एकड़ के विशाल भूखंड के अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने की दिशा में प्रशासन गंभीरता नही दिखा रही है। हाथी गेट से उच्चैठ स्थान जाने वाली सड़क की हालत भी अत्यंत खराब है। बारिश होने पर सड़क पर बने गड्ढे में पानी की जमाव होने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान को विकसित करने को लेकर कई बार बैठक हुई लेकिन धरातल पर इसका असर नही दिखता है। उच्चैठ स्थान की जमीन कई वर्षों से अतिक्रमित हो रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ पल्लवी कुमारी गुप्ता ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा।


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