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सुनहरे कल की उम्मीद लिए सबने दबाए ईवीएम के बटन

भारतीय लोकतंत्र के महापर्व का खूबसूरत नजारा मंगलवार को झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न मतदान केन्द्रों पर दिखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:47 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:29 AM (IST)
सुनहरे कल की उम्मीद लिए सबने दबाए ईवीएम के बटन
सुनहरे कल की उम्मीद लिए सबने दबाए ईवीएम के बटन

मधुबनी। (राम प्रकाश चौरसिया) भारतीय लोकतंत्र के महापर्व का खूबसूरत नजारा मंगलवार को झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न मतदान केन्द्रों पर दिखा। आम हो या खास मतदान करने का जुनून सबके सिर चढ़कर बोल रहा था। इस क्षेत्र के आम वोटरों की दिनचर्या मंगलवार को बूथों की ओर कदम बढ़ाने से हुई। मतदान पदाधिकारीगण वोटिग की प्रक्रिया प्रारंभ करते उससे पहले से ही बूथों पर महिला व पुरुष वोटरों की अलग-अलग कतार लगने शुरू हो गए। मतदान प्रारंभ होने से पूर्व ही अधिकांश बूथों पर वोटरों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थी। खासकर पहली बार वोटिग करने वाले किशोर-किशारी का उत्साह तो देखते ही बन रहा था। वोटिग के बाद फ‌र्स्ट वोटर खुशी से चहक उठते थे। फ‌र्स्ट वोटिग की सेल्फी लेकर फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर से लेकर विभिन्न सोशल साइट पर डालकर लाइक, शेयर व कमेंट का भी खूब लुत्फ उठाते रहे। राजनगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत राजकीयकृत मध्य विद्यालय, भगवानपुर बूथ पर पहली बार वोट डालने वाली फ‌र्स्ट वोटर अंशु गुप्ता के चेहरे पर खुशियां झलक रही थी। इनका कहना था कि लोकतंत्र के महापर्व में वोट रूपी अ‌र्घ्य अर्पित कर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहीं हैं। वहीं बाबूबरही विस क्षेत्र के मुरहद्दी निवासी महादलित दिव्यांग मतदाता श्रीप्रसाद सदाय के सिर भी वोट डालने का जुनून सिर चढ़कर बोल रहा था। इन्होंने वोट डालने के लिए ट्राई साइकिल से ही उमवि मुरहद्दी बूथ पर आ पहुंचे। वोटिग का जुनून किस कदर वोटर पर छा जाता है इसका नजारा लौकहा विस क्षेत्र अंतर्गत पंचायत भवन सिकटियाही-दायां भाग बूथ पर देखने को मिला। यहां ईवीएम खराब हो जाने के कारण एक घंटे से भी अधिक समय तक मतदान ठप रहा। बाबजूद इसके लंबी-लंबी कतारों में लगे महिला व पुरुष मतदाता अपनी बारी का प्रतीक्षा करने के लिए घंटों खड़े रहे, मतदान किए बिना कतार से टस से मस भी नहीं हुए। इस बूथ पर कतार में लगे वोटर राम अवतार यादव, देव किशुन महतो, रामप्रीत यादव आदि ने कहा कि जब तक वोट डाल नहीं लेंगे तब तक बूथ से जाने का सवाल ही नहीं। सत्येन्द्र कामत ने भी मंगलवार को अपनी दिनचर्या लौकहा विस क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक भवन, छर्रापट्टी बूथ पर सबसे पहले अपना मत डालकर किया। कहा कि लोकतंत्र के महापर्व के दिन सबसे पहले वोटिग करनी ही चाहिए। चलने में लाचार होने के बाद भी वृद्धा फातिमा खातून को भी वोटिग करने का इस कदर जज्बा छाया कि वे ठेला गाड़ी से ही पुलपरास विस क्षेत्र के मवि कोनार बूथ पर पहुंच गई। लेकिन अन्य वोटरों जैसा नसीब फुलपरास विस क्षेत्र के तुलापतगंज निवासी नरसिंह प्रसाद गुप्ता का नहीं रहा। ईपिक रहने के बाद भी मतदाता सूची में नाम शामिल नहीं रहने से इन्हें वोटिग से वंचित होना पड़ा। इसका मलाल इनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। इनका कहना था कि उनकी पत्नी व पुत्रों ने मत डाला लेकिन वे ही मतदान से वंचित रह गए। जबकि हर चुनाव में वे वोट देते आ रहे हैं। रिक्शा चालक मो. राशिद, बर्फ विक्रेता मो. हुसैन, मजदूर राजेश पासवान, गैरेज संचालक राजू शर्मा, अरूण महतो के सिर भी वोटिग करने का जुनून छाया था कि अपना-अपना कारोबार बंद कर केजरीवाल उवि पिक बूथ, झंझारपुर आ पहुंचे। कहा कि वोट गिराने का मौका हर दिन थोड़े ही आता है। पचही के रहने वाले राम विलास यादव तो मुंबई से यहां केवल वोट डालने के उद्देश्य से ही आए थे।

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