बाढ़-सुखाड़ समस्या की स्थाई समाधान के लिए दशकों से बाट जोहने की विवशता
झंझारपुर लोकसभा के अन्तर्गत कमला बलान भूतही बलान कोसी सुपेन गेहुंमा जैसी बड़ी नदियों सहित अन्य छोटी- छोटी आधा दर्जन से अधिक नदियां बहती है।
मधुबनी। झंझारपुर लोकसभा के अन्तर्गत कमला बलान, भूतही बलान, कोसी, सुपेन, गेहुंमा जैसी बड़ी नदियों सहित अन्य छोटी- छोटी आधा दर्जन से अधिक नदियां बहती है। यह नदियां जब बौराती है तो लोकसभा की आधी से अधिक आबादी को तबाह कर देती है। लोग नियति मान इसे स्वीकार भी करते रहे हैं। हालांकि हाल के वर्षों में कमला -बलान के उफनाने के कारण बांध टूटने की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन कोसी नदी मधेपुर प्रखंड के एक लाख से अधिक आबादी को हर वर्ष तबाह करती है। आज भी वहां गांव में जाने के लिए चचरी पुल है जो बरसात में पानी के बहाव में खत्म हो जाता है और सिर्फ नाव ही सहारा होता है। लखनौर प्रखंड के महाकाल चौक पर जागरण के चौपाल कार्यक्रम में दर्जनों ग्रामीण जुटे और अपनी राय दी। लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में बाढ़ तो नहीं आई लेकिन बरसात का पानी ही बाढ़ के रूप में उनलोगों को तबाह करता रहा है। यह क्षेत्र झंझारपुर एवं लखनौर प्रखण्ड का है। पहले सिर्फ इसराईन चौर में पानी का जमाव होता था, अब दलिहारा, मंदाचौर, गड़हा शिवनगर, कमलदाहा एवं टकवारे चौर में भी पानी का जमाव होने लगा है। इससे हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो जाती है। इसी तरह कछुवी के सुपने नदी में हसौली घाटी पुल का बांध, जगदर में दक्षिण तटबंध में टूट के कारण हर वर्ष बेमौसम बाढ़ आती रहती है। इससे कछुवी, तमुरिया, कछुआ, मैवी, बेलौंचा, लौफा, लखनौर पश्चिम, बलिया, लखनौर पूर्वी, गंगापुर सहित एक दर्जन से अधिक पंचायतों के खेतों में पानी जमाव हो जाता है। फसल डूब जाती है। इस क्षेत्र के लोग बाढ़ का स्थायी समाधान चाहते हैं। बारिश नहीं होने पर इस इलाके के लोगों को में सुखाड़ का दंश झेलना पड़ता है। सुखाड़ का सामना करने के लिए एक भी सरकारी नलकूप चालू नहीं है। इस क्षेत्र की नहरें भी दिखावे भर का रह गया है। बाढ़-सुखाड़ की समस्या का स्थाई समाधान इस क्षेत्र के लोग चाहते हैं। चुनावी चौपाल में ये लोग हुए शामिल : चौपाल में अभयकांत मिश्र, पवन ठाकुर, शंभू कामत, दिलीप झा, राकेश कुमार झा गुड्डु, विजय मिश्र, अताउर रहमान, विनोद ठाकुर, दीपक झा, कन्हैया मिश्र, राजा सिंह, प्रीतम ठाकुर, शुभंकर झा, सत्येन्द्र सिंह, विपीन गांधी, विन्देश्वर सिंह, संजीव कुमार झा, रविन्द्र कुमार सिंह, अरूण कुमार पाठक उर्फ मोहन पाठक सहित अन्य उपस्थित थे।
----------- बाढ़-सुखाड़ के स्थाई समाधान के लिए शासन-प्रशासन गंभीर नहीं है। इस क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए इस समस्या का स्थाई निदान होना जरूरी है।
अभय कांत मिश्रा, समाजसेवी
------------- सरकार बाढ़ एवं सुखाड़ का स्थायी समाधान ढूंढे। नहर एवं नलकूप को चालू करे तथा बरसात के पानी को निकालने का स्थायी व्यवस्था करे। तब ही किसान का भला होगा।
अरुण कुमार पाठक, किसान
------------- बेमौसम बाढ़ से बचने के लिए बलिया के खैरी गांव के पथ में पुलिया बनाया जाए ताकि पानी इसराईन चौर में जाए। साथ ही उस पानी को कमला -बलान में गिरा दिया जाए। पवन ठाकुर, समाजसेवी ---------------- प्रत्येक वर्ष बेमौसम बाढ़ से हमलोग परेशान हैं। जब बेमौसम बाढ़ नहीं आती तो सुखाड़ झेलना पड़ता है। इसका निदान होना ही चाहिए। ताकि समस्या से छुटकारा मिल सके।
राकेश कुमार झा, किसान
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