भूकंप के समय भवन के आचरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सौजन्य से राजमिस्त्रियों का भूकंपरोधी निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम दूसरे दिन भूकंप के समय भवन के आचरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
मधुबनी। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सौजन्य से राजमिस्त्रियों का भूकंपरोधी निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम दूसरे दिन भूकंप के समय भवन के आचरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मौके पर उपस्थित प्राधिकरण के तकनीकी सलाहकार डॉक्टर सुनील कुमार चौधरी ने प्रशिक्षण ले रहे राजमिस्त्रियों से निर्माण की तकनीकी जानकारी गहनता से सीखकर इसका उपयोग करने की सलाह दी। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न पंचायतों के 30 राजमिस्त्रियों को निर्माण की ट्रे¨नग दी जा रही है। कार्यशाला के प्रशिक्षण प्रभारी आशीष रंजन और ट्रेनर के रूप में टुनटुन कुमार और गोपाल ¨सह हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि इस का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कर जान और माल की रक्षा की जा सकती है। प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि किस तरह न्यूनतम लागत से भवन को भूकंप रोधी और टिकाऊ बनाया जा सकता है। चौधरी ने बताया कि अगर घर बनाने के लिए ठोस भूमि जरूरी है अगर कहीं ठोस मिट्टी उपलब्ध नहीं है तो वह पिलर के सहारे नींव को मजबूत बनाकर बीम डाला जाना चाहिये।। ईंट का प्रत्येक ठुकरा एक सतह में रहे और उसके लिए लाइन डोरी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। दीवारों की चिनाई में साहुल के इस्तेमाल का महत्व बताया गया।
इस दौरान भूकंप रोधी भवन निर्माण का स्थलीय अभ्यास भी कराया गया। प्रशिक्षण में शामिल राज मिस्त्री काफी उत्साहित दिख रहे थे। परंपरागत ढंग से भवन का निर्माण करते आ रहे राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण लेकर लग रहा था कि वह नयी तकनिकी से भवन निर्माण में दक्ष हो रहे हैं। अभी तक इस तरह का कोई प्रशिक्षण उन्हें नहीं मिला था। श्री चौधरी ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के अगले दिन उन्हें झुमका एवं चुड़ी का प्रयोग सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण का अंतिम दिन टेस्ट लिया जाएगा और उसी का आधार पर उन्हें अंक भी मिलेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन श्री चौधरी रचित बनेगा भूकंप रोधी मकान के सामूहिक गान के साथ संपन्न हुआ।