बाढ़ व समस्याओं के बीच जीने की बन गई नियति
मधुबनी। मैं कमलावाड़ी धौली टोल गांव हूं। वेलही पूर्वी पंचायत के अधीन मैं भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित हूं।
मधुबनी। मैं कमलावाड़ी धौली टोल गांव हूं। वेलही पूर्वी पंचायत के अधीन मैं भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित हूं। मेरे आंगन होकर भारत-नेपाल को जोड़ने वाली एक सड़क भी गुजरती है। लेकिन, सड़क पर अतिक्रमण होने के कारण भारी वाहनों को गुजरने में परेशानी होती है। मेरे आंगन में एक शिव शक्ति केन्द्र है। यहां पातालेश्वर नाथ महादेव विराजमान हैं। हमारे वासियों के लिए यह आस्था का केंद्र बना हुआ है। मेरे आंगन में 52 बीघा की एक परती जमीन है। यहां प्रतिवर्ष मेरे वासी महावीरी झंडा महोत्सव का आयोजन करते आ रहे हैं। अभी भी क्षतिग्रस्त घरों में रहने को मजबूर:
हमारे वासियों को प्रतिवर्ष बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है। इस वर्ष जुलाई माह में आई बाढ़ ने फसलों और घरों को काफी नुकसान पहुंचाया। लगभग एक सौ घर क्षतिग्रस्त हो गए। मगर, अंचल प्रशासन द्वारा सहायता राशि नहीं दिये जाने के कारण आज भी लोग क्षतिग्रस्त घरों में लोग रहने को मजबूर है। बाढ़ में कई परिवारों की जमीन के कागजात समेत अन्य महत्वपूर्ण कागजात बह गए। इस कारण अंचल प्रशासन द्वारा बाढ़ सहायता राशि नहीं दी गई। मेरे पुत्रों के आजीविका का मुख्य साधन खेती है। मेरे वासी धान एवं नगदी फसल सब्जी की खेती करते हैं। बाढ़ में सैकड़ों एकड़ में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई। पशुपालकों के कई छोटे पशु भी बाढ़ में बह गए। मगर, अंचल प्रशासन द्वारा न तो पशुचारा की ही व्यवस्था की गई, न ही सब्जी उत्पादकों को ही कोई सहायता प्रदान की जा सकी।
तालाब के उपर से गुजर रहा 11हजार वोल्ट का तार : गांव में आज भी जर्जर तार के सहारे ही विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उस पर 11 हजार वोल्ट का तार तालाब के ऊपर से गुजरने के कारण हमेशा दुर्घटना होने की आशंका के साए में मेरे वासी रहने को विवश है। साठ प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन लाभुकों को सहायता राशि नहीं मिल पा रही है। मेरे लगभग 130 वासी को पेंशन योजना का लाभ पूर्व में मिल रहा था। लेकिन, डीबीटी के बाद से खाते में राशि नहीं पहुंच पा रही है। अनुमंडल प्रशासन के समक्ष गुहार लगाए जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है। नल जल योजना का कार्य प्रगति पर है। लेकिन, अब तक पेयजल मुहैया नहीं कराया जा सका है। बाढ़ में कई चापाकल भी खराब हो गए। इस कारण पेयजल की किल्लत बनी रहती है।
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बाढ़ पीड़ितों को अब तक सहायता राशि नहीं मिलने से गांव में आक्रोश है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
संजय यादव
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बाढ़ में आवश्यक कागजात बह गए। इस कारण गांव के कई लोगों को सहायता राशि नहीं मिल सकी है। प्रशासन इस समस्या को सुलझाए।
झगड़ू यादव:
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गांव के कई परिवार आज भी राशन कार्ड से वंचित हैं। जिन्हें राशन कार्ड है उन्हें सही तरीके से अनाज नहीं मिल पाता है।
देव नारायण यादव:
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-आबादी: 3500
-मतदाता: 1750
- विद्यालय: एक
-आंगनबाड़ी केंद्र : दो
-पीडीएस: दो
-वार्ड: तीन