हल्की बारिश से शहरी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या
मधुबनी। मौसम ने करवट ली है। शुक्रवार की सुबह हल्की बारिश के साथ ही शहर के कई हिस्
मधुबनी। मौसम ने करवट ली है। शुक्रवार की सुबह हल्की बारिश के साथ ही शहर के कई हिस्सों में जलजमाव की समस्या ने लोगों की चिता बढ़ा दी है। वहीं, आम सहित अन्य फसलों के लिए इस बारिश से काफी लाभ मिलेगा। इधर, स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत केनाल पक्कीकरण कार्य की गति धीमी रहने से जलजमाव पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। बता दें कि एक माह पूर्व केनाल पक्कीकरण के लिए शहर के कोतवाली चौक स्थित अतिक्रमण हटाया गया था। मगर, केनाल निर्माण में विलंब होने से लोगों के घरों के पानी का निकास बाधित होने से सड़क किनारे जलजमाव की समस्या दूर नहीं हो रही है। वार्ड 30 के पार्षद प्रभावती देवी ने बताया कि साल दर साल जलजमाव से छुटकारा का आश्वासन तथा स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत कोतवाली चौक पर नाला निर्माण की धीमी गति से इस वर्ष भी शहर को जलजमाव की समस्या झेलना पड़ेगा। इस संदर्भ में प्रशासन की डपोरशंखी घोषणा का खामियाजा शहर के बड़ी आबादी को प्रतिवर्ष भुगतना पड़ रहा है। बारिश के समय इन केनालों की उड़ाही और सफाई के नाम पर राशि का बंदरबांट का खेल प्रतिवर्ष चलता है। बारिश के मौसम में केनालों की मामूली सफाई कर लाखों खर्च दिखा दिया जाता है। मगर, बारिश से पूर्व केनालों की सफाई की चिता नगर परिषद को नहीं रहती है। इधर, सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि शहर में जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त रखने की कोशिश जारी है। बेमौसम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत, फसलों को लाभ झंझारपुर। मौसम बदल गया है। शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे दिन में अचानक धूप गायब हो गई और चारों तरफ शाम का नजारा हो गया। झंझारपुर में एमपी कोटे से लगाया गया सेंसर युक्त स्ट्रीट लैंप अचानक जल उठा। उसके बाद करीब 40 मिनट तक जमकर बारिश हुई। बेमौसम बरसात ने जहां उमस भरी गर्मी से लोगों को निजात दी है, वहीं विभिन्न फसलों को फायदा पहुंचाया है। प्रगतिशील किसान हरभंगा गांव निवासी नंद कुमार महतो ने बताया कि मूंग की बर्बाद हो रही फसल के लिए यह बारिश अमृत के सामान है। आम के फल एवं सब्जी के लिए यह बारिश संजीवनी से कम नहीं है। उन्होनें कहा कि अब क्षेत्र में किसान गेहूं का भंडारण कर चुके हैं, इसलिए अपवाद को छोड़कर कहीं भी इस बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान नहीं हुआ है। परती परी जमीन को भी फायदा हुआ है। कहा कि परती जमीन पर किसान कुछ माह बाद धान रोपेंगे। इससे पूर्व सनई की खेती की जाती है। इस बारिश के बाद सनई की खेती में भी परती वाली जमीन में लाभ होगा। हालांकि, बारिश ने कुछ गली-मोहल्लों को नर्क में तब्दील कर दिया है। झंझारपुर रेलवे स्टेशन बाजार के परणामी मंदिर वाली सड़क जिस पर बीते कई माह से जलजमाव है, इस बारिश ने और नारकीय स्थिति बना दी है। सड़क पर कई फीट पानी लगा है और सड़ांध की स्थिति है। यहां से पानी बहाव का कोई समुचित उपाय नहीं किया जा रहा है।