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माता दुर्गा की आराधना में डूबे श्रद्धालु, लगने लगे जयकारे

मधुबनी। कोरोना संक्रमण बढ़ने के भय के बीच चैती दुर्गा पूजा से श्रद्धालु भक्ति में डूब गए हैं। श्रद्ध

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:46 PM (IST)
माता दुर्गा की आराधना में डूबे श्रद्धालु, लगने लगे जयकारे
माता दुर्गा की आराधना में डूबे श्रद्धालु, लगने लगे जयकारे

मधुबनी। कोरोना संक्रमण बढ़ने के भय के बीच चैती दुर्गा पूजा से श्रद्धालु भक्ति में डूब गए हैं। श्रद्धालु चैती दुर्गा पूजा स्थल पहुंचते हैं, मगर दूर से ही मां की आराधना कर घर लौटने लगे हैं। इधर, घरों में चैती दुर्गा पूजा प्रारंभ होने से घर का माहौल पूरी तरह दुर्गामय बन गया है। चैती नवरात्र को लेकर जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न पूजा स्थलों पर कोरोना गाइडलाइंस के बीच मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान पूर्वक मंगलवार को कलश स्थापन अनुष्ठान संपन्न किया गया। कलश स्थापन के साथ भगवती दुर्गा की पूजा आराधना शुरू हो गई। कोरोना गाइडलाइंस को देखते हुए श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में कलश स्थापन कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री की स्तुति की। वहीं, पूजा भवनों में चहल-पहल कम देखी गई। शहर के गंगासागर काली मंदिर परिसर स्थित चैती दुर्गा स्थल, चकदह, मुरलिया रुचौल, अकशपुरा, मंगरौनी भुवनेश्वरी सिद्धपीठ स्थान, जगतपुर मिठौली, बथने सहित दो दर्जन पूजा स्थल पर कलश स्थापन अनुष्ठान संपन्न किया गया।

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कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना श्रद्धालुओं का कर्तव्य :

पूजा-अर्चना में अनुशासन का बड़ा महत्व है। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना भी अनुशासन के तहत आता है। चैती दुर्गा पूजा पर दुर्गा मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क का प्रयोग करने के साथ शारीरिक दूरी का पालन निश्चित रूप से करना चाहिए। मंदिर के बाहर से ही माता की पूजा-अर्चना करना श्रेष्कर होगा। उक्त बातें आचार्य पं. ललन झा ने कहीं। श्री झा ने कहा कि मां दुर्गा की आराधना से दुर्गुनों का नष्ट होकर साधकों को दिव्य अनुभूति की प्राप्ति होती है। साधकों को नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते माता की आराधना करना चाहिए। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना हरेक लोगों का कर्तव्य होता है। इस वर्ष लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर पूजा में भीड़ से बचने के लिए घरों में माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करना चाहिए। माता की पूजा घर में करना बेहतर होगा। श्रद्धालुओं को घर में कलश स्थापन कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।


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