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सौ साल का हो गया गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू स्कूल

मधुबनी। मधुबनी शहर का प्रतिष्ठित गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू स्कूल सौ सालों का हो गया। 19

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 11:52 PM (IST)
सौ साल का हो गया गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू स्कूल
सौ साल का हो गया गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू स्कूल

मधुबनी। मधुबनी शहर का प्रतिष्ठित गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू स्कूल सौ सालों का हो गया। 1921 ई. में इसी शहर के गोकुल पंजियार व मथुरा पंजियार ने इस स्कूल की स्थापना की थी। अपने सौ वर्षो के सफर में इस स्कूल ने कई होनहार विद्यार्थी दिए जो आज देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। इसी स्कूल के 1994 बैच के तीन छात्रों प्रह्लाद पूर्वे, इम्तियाज नूरानी और कैलाश भारद्वाज ने सोचा कि इस स्कूल के सौवें वर्ष में प्रवेश पर शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन किया जाए। कार्ययोजना बनी और रविवार को यह समारोह मूर्तरूप ले लिया। समारोह में स्कूल के कई पूर्ववर्ती छात्र जुटे। पुराने दोस्तों से मिल वे भावुक हो उठे। एक-दूसरे से गले मिल अपने पुराने दिनों की यादों को ताजा किया। शताब्दी वर्ष समारोह ने इन पूर्ववर्ती छात्रों को मिलन समारोह का आनंद दे दिया।

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----------------------- कई सफल विद्यार्थी दे चुका सूड़ी हाईस्कूल : अपने सौ वर्ष पूरे करने वाले सूड़ी हाईस्कूल से शिक्षा ग्रहण कर कई विद्यार्थी आज अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। आइएएस उमेश नारायण पंजियार, आइएएस मो. सोहैल, आइएएस आदित्य नाथ दास, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनय कारक व डॉ. संतोष कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजीव गुप्ता, आइएमए के सचिव डॉ. विमल कारक, डॉ. टेकनाथ पंजियार आदि कुछ ऐसे ही नाम हैं जिन्होंने इस स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कर सफलता की सीढि़यों को पार किया है। कई चर्चित राजनेता भी इस स्कूल से कर चुके पढ़ाई : इस स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर सफल होने वालों में कई चर्चित राजनेताओं के नाम भी शामिल हैं। पूर्व सांसद भोगेंद्र झा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चतुरानन मिश्र, पूर्व विधायक राजकुमार पूर्वे, राज्य के पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ, वर्तमान नगर विधायक समीर महासेठ आदि ऐसे की कुछ नाम हैं जिन्होंने इस स्कूल की शिक्षा की बदौलत राजनीति के क्षेत्र में सफलता अर्जित की। समस्याओं के समाधान की जगी आस : शताब्दी वर्ष समारोह ने स्कूल की पुरानी समस्याओं के समाधान का मार्ग भी प्रशस्त किया है। समारोह में शामिल राजनेताओं के समक्ष स्कूल की कई समस्याएं भी आई जिनके समाधान का आश्वासन भी मिला। स्कूल की वरीय शिक्षिका रुपम नारायण ने अभिनंदन पत्र पढ़ते हुए बताया कि आज स्कूल में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 26 सौ है, लेकिन इनके लिए वर्ग कक्ष का अभाव है। पुराना भवन 2015 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया जिसका अब तक जीर्णोद्धार नहीं हो सका। स्कूल परिसर को आज तक एक चहारदीवारी नसीब नहीं हो सकी। परिसर का अतिक्रमण हो रहा है। दूरदराज के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा नहीं है। इन समस्याओं के निदान के लिए हर संभव प्रयास का भरोसा समारोह में शामिल उप मुख्यमंत्री, मंत्रियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दिया है।


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