विद्यालय पहुंचने पर बच्चों का फूलों से हुआ स्वागत, गुलजार हुए कैंपस
मधुबनी। पहली से पांचवीं तक के विद्यालयों का संचालन सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान काफी उत्सा
मधुबनी। पहली से पांचवीं तक के विद्यालयों का संचालन सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान काफी उत्साह देखा गया। बच्चों को फूलों से स्वागत किया गया। हालांकि पहले दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया गया। विभाग आने वाले दिनों में बच्चों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जता रहा हैं। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं का संचालन 14 मार्च 2020 से बंद था।
अधिकांश विद्यालयों में विद्यार्थियों को मास्क का प्रयोग और शारीरिक दूरी का पालन करते देखा गया। सैनिटाइजर व साबुन की व्यवस्था भी की गई थी। कुछ जगहों पर थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा नहीं थी। जितवारपुर के उत्कृष्ट मध्य विद्यालय में बच्चों का स्वागत फूलों से किया गया। एचएम हेमंत कुमार सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं थाली में फूल लेकर विद्यालय के गेट पर खड़े थे। बच्चों पर फूलों की वर्षा कर विद्यालय में प्रवेश दिया गया। वहीं, शहर के नगर पालिका मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधा पाठक व शिक्षक नवनीत कुमार ने बताया कि पहले दिन कक्षा एक से पांच तक के कुल 66 बच्चे उपस्थित हुए। विद्यालय आने वाले बच्चे मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। विद्यालय संचालन में कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है।
शहर के स्टेशन चौक स्थित पीएल रोज पब्लिक स्कूल में सोमवार को कक्षा एक से पांच तक के कुल दस बच्चे उपस्थित हुए। प्राचार्य अमरकांत झा ने बताया कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है। विद्यालय कक्ष, परिसर की साफ-सफाई के साथ सैनिटाइज किया गया है। वहीं, शहर के स्टेशन रोड स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का संचालन शुरू किया गया। विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक कुल 80 बच्चों में से पहला दिन सोमवार को छह बच्चे उपस्थित एचम अनिशा कुमारी ने बताया कि विद्यालय में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। शिक्षिका दीपा कुमारी साहा, मनोज कुमार विद्यालय में उपस्थित थे। विद्यालय खुलने से बच्चों में खुशी
विद्यालय खुलने से बच्चों में खुशी देखी गई। पीएल रोज पब्लिक स्कूल की छात्रा सोनी कुमारी ने बताया कि विद्यालय में पढाई शुरू होने से काफी खुशी हुई है। विद्यालय में दोस्तों के बीच आकर अच्छा लग रहा है। छात्र कमलेश कुमार ने बताया कि एक साल से विद्यालय बंद रहने से घर में रहकर पढाई करना मुश्किल हो गया था। श्रुति कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन में ऑनलाइन पढाई से संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी। विद्यालय में शिक्षकों द्वारा पढाई की व्यवस्था बेहतर होती है। आयुषी कुमारी ने बताया कि स्कूल में लंच टाइम के बाद खेलना-कूदना, फिर पढ़ाई शुरू करना अच्छा लग रहा है।
विद्यालय संचालन के साथ कोरोना से बचाव के नियमों के तहत विद्यालय आने वाले बच्चों को दो-दो मास्क बिना शुल्क दिए जाने निर्देश दिया गया है, लेकिन किसी भी विद्यालय में बच्चों को मास्क उपलब्ध नहीं कराया गया है। बच्चे अपने घर से मास्क पहन कर आ रहे हैं। कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि फरवरी में छह से आठ तक के लिए कक्षा संचालन शुरू होने के बाद से बच्चों के लिए विभागीय स्तर पर अब तक मास्क मुहैया नहीं कराया गया है। जिससे बगैर मास्क विद्यालय आने वाले बच्चों को विद्यालय स्तर पर मास्क देना पड रहा है। इधर, प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी इम्तियाज ने बताया कि एक-दो दिन में विद्यालयों को मास्क उपलब्ध करा दिया जाएगा।