टेलीविजन न स्मार्ट मोबाइल, कैसे हो दिव्यांगों की पढ़ाई
मधुबनी। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा और दूरदर्शन से पढ़ाई के
मधुबनी। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा और दूरदर्शन से पढ़ाई के लाभ जिले के करीब 40 हजार दिव्यांग बच्चें वंचित रह गए। ऐसे बच्चों के घर में स्मार्ट मोबाइल और टेलीविजन का सुविधा का लाभ नहीं होने से वे आज भी ऑनलाइन शिक्षा और दूरदर्शन से पढ़ाई के लाभ को तरस रहे है। अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को स्मार्ट मोबाइल और टेलीविजन की कमी से ऑनलाइन शिक्षा के मायने भी नहीं समझ रहे है। लॉकडाउन में बच्चों की पठन-पाठन जारी रखने की कोशिश में सरकार की दूरदर्शन द्वारा स्टडीज की सुविधा इन बच्चों के लिए फिसड्डी साबित हुआ। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को टेलीविजन नहीं होने और लैपटॉप या स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं मिल पाती है।
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दिव्यांगों से अपनाया जाता भेदभावपूर्ण रवैया :
ऑनलाइन शिक्षा को लेकर परेशान दिव्यांग छात्रा रागिनी ने बताया कि उनके घर टेलीविजन नही है। जिससे वह पढाई करने में असमर्थ रहे है। स्मार्ट मोबाइल नहीं होने से अन्य जानकरी का लाभ भी नहीं मिलता है। छात्रा राखी कुमारी ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व उन्हे ढाई हजार रुपये का लाभ मिला था। उसके बाद से अबतक कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है। वहीं दिव्यांग रमण कुमार ने बताया कि प्रमाण पत्र से लेकर विभिन्न मौके पर दिव्यांगों से भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जाता है।
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'घर में न मोबाइल है और नहीं टेलीविजन। ऑनलाइन पढ़ाई कैसे होती है मालूम नहीं है। मुझे भी पढाई के लिए स्मार्ट मोबाइल मिलना चाहिए। ताकि पढ़ाई जारी रहे।'
- अफरोज
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'घर में टेलीविजन नहीं होने से पता नहीं कैसे पढ़ाई होती है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टेलीविजन और मोबाइल का होना आवश्यक है। मेरे यहां दोनों में से एक भी नहीं है।'
- इम्तियाज