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ट्रॉमा सेंटर से रामपट्टी रेफर मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम

मधुबनी। झंझारपुर अनुमंडल क्षेत्र के अरड़िया संग्राम स्थित ट्रॉमा सेंटर में डेडिकेटेड को

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 11:40 PM (IST)
ट्रॉमा सेंटर से रामपट्टी रेफर मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम
ट्रॉमा सेंटर से रामपट्टी रेफर मरीज ने रास्ते में तोड़ा दम

मधुबनी। झंझारपुर अनुमंडल क्षेत्र के अरड़िया संग्राम स्थित ट्रॉमा सेंटर में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) प्रारंभ कर दिया गया है। अनुमंडल अस्पताल स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती सभी मरीजों को इस सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि, डीसीएचसी की व्यवस्था अभी भी अधूरी है। इसका खामियाजा सेंटर के उदघाटन के प्रथम दिन ही यहां आए चनौरागंज गांव के 35 वर्षीय कर्पूरी ठाकुर को भुगतना पड़ा है। हालांकि, इस सेंटर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर चिकित्सक ने उक्त मरीज की ऑक्सीजन लेवल को 31 से बढ़ा कर 80 से ऊपर तक पहुंचाने में अवश्य कामयाब हो गए थे। उसके बाद मरीज को इस सेंटर से रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी मरीज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। लोगों का कहना है कि जब तक इस सेंटर की व्यवस्था पूर्ण नहीं हो जाती, आवश्यक जांच उपकरणों एवं तकनीकी कर्मियों और चिकित्सकों के साथ दवा उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक इस सेंटर पर मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा मिल पाना मुश्किल होगा। हालांकि, बुधवार को पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक सह डीसीएचसी के प्रभारी डॉ. मुकेश कुमार ने डीसीएचसी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों के साथ बैठक करते हुए कहा कि कुछ दवा और इलाज उपकरण यहां आ गया है। अन्य उपकरण भी जल्द ही आ जाएंगे। अभी यह सेंटर नया है। दो-तीन दिनों में यह सेंटर पूर्ण रुप से कार्य करने लगेगा। बच्ची को जन्म देने के छह दिन बाद संक्रमित आंगनबाड़ी सेविका का निधन झंझारपुर। मधेपुर प्रखंड के पचही पंचायत के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 67 की सेविका 30 वर्षीय बबीता देवी का निधन कोविड संक्रमण से हो गया। बबीता देवी की मौत के बाद प्रखंड में कोविड से मरने वालों की कुल संख्या 12 तक पहुंच गई है। बबीता देवी का इलाज डीएमसीएच में चल रहा था और उनका निधन भी वहीं हो गया। उनके पति किसान सलाहकार जयकृष्ण प्रसाद ने बताया कि बबीता गर्भवती थीं और प्रसव के अंतिम सप्ताह में वो बीमार पड़ गई। 11 मई को अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर में कोविड टेस्ट कराने पर वह संक्रमित पाई गई थी। जहां से उसे मधुबनी रेफर किया गया, लेकिन मधुबनी के किसी अस्पताल में उन्हें जगह नहीं मिली, जिसके बाद डीएमसीएच में भर्ती कराया गया। जहां 13 मई को उन्होंने पुत्री को जन्म दिया। नवजात बच्ची कोविड टेस्ट में निगेटिव निकली और बच्ची को स्वजनों को सौंप दिया गया। इधर, डीएमसीएच के आईसीयू में बबीता का इलाज चल रहा था। बुधवार सुबह करीब छह बजे उसका निधन हो गया। इस घटना के बाद से पचही कोरियानी टोला में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।

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