कृषि क्षेत्र में अफगानिस्तान-भारत के बेहतर संबंध: जिआउल्लाह
नगर मुख्यालय स्थित वाट्सन हाई स्कूल के मैदान में रविवार से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास सम्मेलन सह मेगा कृषि एक्सपो की शुरुआत हुई।
मधुबनी। नगर मुख्यालय स्थित वाट्सन हाई स्कूल के मैदान में रविवार से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास सम्मेलन सह मेगा कृषि एक्सपो की शुरुआत हुई। जिसमें देश ही नहीं विदेशों के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। इसमें तीन दिनों तक आधुनिक खेती पर कृषि वैज्ञानिक गहन मंथन करेंगे।
इस अवसर पर प्रथम दिन के उद्घाटन सत्र में अफगानिस्तान के भारत में राजदूत जिआउल्लाह ने अफगानिस्तान व भारत के ऐतिहासिक संबंध की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश का सदा से भारत के साथ बेहतर संबंध रहे हैं। जो हाल के वर्षों में और भी मजबूत हुआ है। एक दूसरे देश के किसान एक दूसरे के देश में जाकर कृषि की नई तकनीक की जानकारी ले रहे हैं। हमारा देश ड्राई फ्रूट्स के क्षेत्र में बेहतर उत्पादन कर रहा है। हम एक दूसरे को मार्के¨टग की सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। इन फलों का हम भारत में भी बेहतर तरीके से कर किसानों का भला कर सकते हैं। हमारा देश इस क्षेत्र में हर मदद को तैयार है। उन्होंने यहां की परंपरा के अनुसार पाग, दोपटा से किए गए सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. प्रफूल्ल चंद्र ने कहा कि हमें सब्जी व फलों की खेती पर खास ध्यान देना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को इसकी जानकारी दें। ताकि, किसान खुशहाल हो सकें। कहा कि यह जरूरी हो गया है कि स्कूल से ही कृषि की पढ़ाई की व्यवस्था होनी चाहिए। जैविक खेती को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि यदि हम इसे अपना लेते हैं तो लोगों को स्वस्थ रखने में भी सफल होंगे। पशुपाल, मछलीपालन की चर्चा करते हुए कहा कि इसे अपनाए बिना जैविक खेती को उच्चतम स्तर पर पहुंचाना संभव नहीं है। पहले प्रत्येक परिवार के पास बैल, भैस व गायें थी। जो अब कमतर स्थित में है। यहां उत्पादित फल, सब्जी को स्टोरेज करने व प्रसंसकरण करने की भी सुविधा नहीं है। जिसका होना जरूरी है। इन सब ¨बदुओं पर हमें इस सम्मेलन में सार्थक चर्चा करनी चाहिए। कृषि को नया स्वरूप देने का समय :
नियाम, भारत सरकार के महानिदेशक पी चंद्रशेखर ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, चानपुरा कृषि अनुसंधान व अन्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है। जिसके लिए संत कुमार चौधरी बधाई के पात्र हैं। मूल तया बड़े शहरों में इस प्रकार आयोजन होता है। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार का आयोजन कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। समय आ गया है कि कृषि को नया स्वरूप दिया जाय। ताकि, हम स्वस्थ अन्न का उत्पादन कर सकें। हमें ऐसी तकनीक को अपनाना होगा जिससे ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो सके। इसके लिए मार्के¨टग एवं प्रोसे¨सग व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। तभी हम किसानों की माली हालत में सुधार ला सकते हैं एवं इसके प्रति किसानों का आकर्षित कर सकते हैं। वैज्ञानिक विधि से बेहतर उपज
मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके ¨सह ने कहा कि मिथिला क्षेत्र की उर्वरा शक्ति हर क्षेत्र में है। यह विद्वानों की धरती तो है ही कृषि क्षेत्र में भी उन्नत क्षेत्र है। इस सम्मेलन से जो निष्कर्ष निकलेगा वह यहां के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए बेहतर साबित होगा। एक्सपो के माध्यम से यहां के किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी भी मिलेगी।
¨सडिकेट सदस्य बैद्यनाथ चौधरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का किसान से संबंधित सम्मेलन मिथिला के मधुबनी में होना हर्ष की बात है। इससे यहां के किसानों को फायदा होगा। यहां की भूमि का उर्वरा शक्ति बेहतर है। जिसका यदि वैज्ञानिक तरीके अपनाकर हम बेहतर पैदावार ला सकते हैं। मिथिला के राजा जनक के द्वारा हल चलाने के समय ही सीता मां प्रगट हुई थीं। इसलिए आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पौराणिक काल से ही कृषि कार्य होता रहा है। आधुनिक पद्धति से किसान होंगे खुशहाल :
अध्यक्षता करते हुए सांसद हुक्मदेव नारायण यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय किसान सम्मेलन का आयोजन कर संत चौधरी ने यहां के किसानों के हित में काम किया है। इससे किसानों को लाभ होगा। उन्होंने रसायनिक खाद के स्थान पर जैविक उर्वरक अपनाकर बेहतर उत्पादन करने की सलाह किसानों को दी। कहा कि आधुनिक कृषि पद्धति को अपना कर ही किसान खुशहाल हो सकते हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए कार्यों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथि सम्मानित :
प्रारंभ में आगत अतिथियों को पाग, दोपटा से सम्मानित किया गया। अध्यक्षता सांसद सह पद्मभूषण हुक्मदेव नारायण यादव ने की। उन्हं पद्मभूषण मिलने पर विशेष रूप से संत कुमार चौधरी ने मधुबनी पें¨टग, पाग व दोपटा से सम्मानित किया।
----------- 159 प्रतिनिधि कर रहे सहभागिता
अंतर्राष्ट्रीय किसान सम्मेलन के अवसर पर देश विदेश सहित कुल 159 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जिसमें अफगानिस्तान, त्रिनिनाद सहित अन्य देशों के युवा भी हैं। वे यहां की कृषि प्रणाली को भी देख और जान रहे हैं। वहीं मैदान में एक्सपो के तहत 50 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। जिसमें आधुनिक कृषि यंत्र सहित विभिन्न प्रकार के बीज व साहित्य का प्रदर्शन किया गया है। तिरूपति ट्रैक्टर की ओर से छोटे जोत वाले किसानों के लिए डीजल हल व अन्य कृषि यंत्र को प्रदर्शित किया गया है।