घरों में सजेंगे बाल गोपाल की पालकी
मधुबनी। कोरोना काल में इस वर्ष 11-12 अगस्त को घरों में ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाई जाएगी।
मधुबनी। कोरोना काल में इस वर्ष 11-12 अगस्त को घरों में ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाई जाएगी। 11 अगस्त मंगलवार को सुबह 6.22 पर अष्टमी प्रारंभ हो जाएगी। वहीं, 12 अगस्त बुधवार की सुबह 8.10 बजे नवमी प्रारंभ हो जाएगा। मंगलवार को रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रात 12 बजे व्रतियों द्वारा पूजा-अर्चना की जाएगी। श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री, मिठाई सहित तरह-तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। जाहिर है कि अन्य वर्षो की भांति इस वर्ष सार्वजनिक स्थलों पर भव्य पंडालों का निर्माण नहीं हो रहा है और ना ही पंडालों में प्रतिमा स्थापित किया जाएगा। कोरोना और लॉकडाउन को देखते हुए शहर के किसी भी चौक-चौराहों पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पंडाल निर्माण नहीं किया गया है।
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मूर्तिकारों को एक करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान :
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लॉकडाउन के असर कृष्ण-राधा मूर्तिकारों व सजावटी सामग्री बाजार पर देखा जा रहा है। वहीं, लाइट-साउंड बालों को भी निराशा झेलना पड़ रही है। इधर, फूलों का कारोबार ठप पड़ गया है। श्रीकृष्ण मूर्ति की मूर्ति बनाने वाले एक मूर्तिकार सुधीर कुमार ने बताया कि इस वर्ष मात्र तीन जगहों से श्रीकृष्ण-राधा प्रतिमा निर्माण का आर्डर मिला है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष शहर से एक भी प्रतिमा का आर्डर नहीं मिला है। जिले में इस वर्ष प्रतिमा की मांग नहीं होने से मूर्तिकारों को एक करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रतिमाओं का डिमांड नहीं होने से रोजी-रोटी पर आफत आ गई है।
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दो करोड़ रुपये का सजावटी सामान का कारोबार प्रभावित :
शहर के चूड़ी बाजार स्थित सजावटी सामान के विक्रेता महेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस वर्ष जगह-जगह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन नहीं होने से सजावटी सामान में झालर, माला, मुकुट सहित अन्य सजावटी वस्तुओं के खरीदार नहीं होने से सजावटी सामान दुकान की शोभा की बनकर रह गया है। हालांकि, इस वर्ष चायनीज सजावटी सामान बाजार में नजर नहीं आ रहा है। लॉकडाउन के कारण जिले में करीब दो करोड़ रुपये का सजावटी सामान का कारोबार प्रभावित हुआ है। इस दफे सजावटी सामान की बिक्री हजारों में सिमट कर रह गई है।
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'बाल गोपाल को मखाना पाग भी बहुत पसंद है। इसे आसानी से बनाया जा सकता है। मखाने के साथ अन्य मेवा भी पाग सकते हैं। मखाना को घी में भूनकर शक्कर की गाढ़ी चाशनी में डाल दे। इसमें अन्य मेवा डाल सकती हैं।'
- सरिता चौधरी
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'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में दही, दूध, शहद, गंगाजल और तुलसी से तैयार से तैयार पंचामृत का विशेष महत्व है। यह ऐसा प्रसाद है जिससे बाल गोपाल को नहलाया जाता है और इस पंचामृत को प्रसाद की तरह लोग ग्रहण करते है।'
- प्रेरणा युक्ति
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'बाल गोपाल को दूध, घी, मक्खन और मेवे से बने विभिन्न प्रकार के पकवान बहुत पसंद हैं। लड्डू गोपाल को खीर भी प्रसाद के तौर पर चढ़ाई जाती है। काजू, बादाम व मखाना का खीर बाल गोपाल को भोग लगाएंगे।'
- दीप्ति राउत
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'श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार घर में माखन मिश्री के साथ तरह-तरह के व्यंजनों का भोग बाल गोपाल को लगाऊंगी। लॉकडाउन को देखते हुए भीड़-भाड़ से बचने हुए घर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने के अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहिए।'
- पूजा झा
---------------------- 'लॉकडाउन के कारण इस बार आडंबर रहित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का लाभ श्रद्धालुओं को मिलेगा। पूजा के मौके पर ध्वनि प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। लोगों को अपने घरों में पूरी तरह श्रद्धा-भक्ति के बीच बाल गोपाल की पूजा-अर्चना कर घर को ही मंदिर का रूप दिया जाना चाहिए। इससे आध्यात्मिक उन्नति होगी और भगवान श्रीकृष्ण का कृपा प्राप्त होगा।'
- पंडित ऋषिनाथ झा, ज्योतिषाचार्य
फोटो 10 एमडीबी 38