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पिरौखर पंचायत की 45 प्रतिशत आबादी खुले में शौच को बाध्य

मधुबनी। सरकार एक ओर जहां लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने का लक्ष्य रखा है। वहीं सरकारी अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही के कारण लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 11:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 11:50 PM (IST)
पिरौखर पंचायत की 45 प्रतिशत आबादी खुले में शौच को बाध्य
पिरौखर पंचायत की 45 प्रतिशत आबादी खुले में शौच को बाध्य

मधुबनी। सरकार एक ओर जहां लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने का लक्ष्य रखा है। वहीं सरकारी अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही के कारण लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। सरकारी दावे धरातल पर दम तोड़ रही है। प्रखंड की मधवापुर पंचायत के अलावा अबतक 12 पंचायत ओडीएफ घोषित नहीं हो सकी है। योजना के तहत लोगों को इस महत्वपूर्ण योजना समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। पंचायतों में शौचालय निर्माण की गति काफी धीमी चल रही है। जिन लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है वैसे लोग प्रचार प्रसार के अभाव में इसे इस्तेमाल नहीं कर खुले में नहीं शौच करते हैं। पंचायतों की करीब 45 से 50 प्रतिशत आबादी अब भी खुले में शौच करते हैं। जागरूकता के आभाव में ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर लोग शौच करते आते हैं। इन पंचायतों में भारत सरकार की स्वच्छता भारत मिशन की हवा निकल रही है। हलांकि, लोगों की धारणाएं अब बदल रही है। वे शौचालय में शौच जाते हैं।

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बताते चलें कि मधवापुर प्रखंड क्षेत्र के पिरौखर पंचायत में अब तक मात्र 500 लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हुआ है। वहीं पंचायत के विभिन्न वार्डो के टोलों में करीब सात सौ परिवारों के घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है। यहां की करीब 45 प्रतिशत आबादी खुले में शौच करने को विवश है।

मुखिया मंदाकिनी ने बताया कि पंचायत के सुजातपुर, एकारी, पिरौखर आदि कई गांव के महादलित व अतिपिछड़े वर्ग के टोल में अब तक शौचालय का निर्माण नहीं होने से लोग खुले में शौच करते हैं। जबकि शौचालय निर्माण के लिए लोगों का आवेदन प्रखंड कार्यालय में जमा है। जिन लोगों का शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुका है उनके खाते में राशि नहीं आने से लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। बलवा पंचायत में अबतक 400 लोगों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण हुआ है। वहीं नौ सौ लोगों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य अभी तक शुरू भी नहीं हो सका है। खासकर इस पंचायत के कई गांवों के महादलित व अतिपिछड़े वर्ग के टोल में शौचालय निर्माण की गति काफी धीमी चल रही है। मुखिया बैद्यनाथ दास ने बताया कि करीब नौ सौ परिवारों का फार्म प्रखंड कार्यालय में जमा करने के बावजूद अबतक इन परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस कारण पंचायत की करीब 45 से 50 प्रतिशत आबादी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जिन लोगों के घरों में शौचालय निर्माण पूर्ण हो चुका है। वैसे लोगों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। मजबूर हो लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इतना ही नहीं प्रखंड के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, मधवापुर बस पड़ाव, साहरघाट बाजार परिसर आदि जगहों पर सरकार के द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए शौचालय ध्वस्त हो चुके हैं। इसकी मरम्मत नहीं कराने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एकारी के रामकुमार राम, रामवृक्ष मुखिया, चलितर मुखिया, मोहन सिंह आदि लोगों ने बताया कि उनके घरों में अबतक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। जबकि चार माह पूर्व फर्म प्रखंड कार्यालय में जमा किए हुए हो गया। प्रतिदिन प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

बीडीओ वैभव कुमार ने बताया कि प्रखंड की 13 पंचायतों में 80 प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है। लोगों के खातों के माध्यम से प्रोत्साहन राशि भेजी जा चुकी है। शेष आवेदनों का सत्यापन और जीओ टैगिग का काम चल रहा है।


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