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हर माह 38 लाख का भुगतान, शहर की सफाई का नगर परिषद का दावा टांय-टांय फिस्स

कोरोना संक्रमण के बीच नगर परिषद प्रशासन का शहर को स्वच्छ रखने का दावा टांय-टांय फिस्स साबित हो रहा है। इन दिनों शहर में गंदगी के अनियमित उठाव से शहरवासियों को महामारी की आशंका सताने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 02:25 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 06:16 AM (IST)
हर माह 38 लाख का भुगतान, शहर की सफाई का नगर परिषद का दावा टांय-टांय फिस्स
हर माह 38 लाख का भुगतान, शहर की सफाई का नगर परिषद का दावा टांय-टांय फिस्स

मधुबनी । कोरोना संक्रमण के बीच नगर परिषद प्रशासन का शहर को स्वच्छ रखने का दावा टांय-टांय फिस्स साबित हो रहा है। इन दिनों शहर में गंदगी के अनियमित उठाव से शहरवासियों को महामारी की आशंका सताने लगी है। शहर के सार्वजनिक जगहों से गंदगी का नियमित रूप से उठाव नहीं होने से इसकी सड़ांध ने लोगों को नाकोदम कर रखा है। जगह-जगह कूड़ेदान कचरा से पटा नजर आ रहा है। गंदगी का उठाव नहीं होने के बीच बारिश से स्थिति और भी बदतर हो जाती है। शहर के संपूर्ण हिस्सों में गंदगी की फैल रही बदबू से सांस की बीमारी का खतरा बन गया है। शहर में गंदगी वाले हिस्सों में ब्लीचिग व चूना का छिड़काव नहीं हो रहा है। जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। इस पर काबू के लिए फॉगिग मशीन का प्रयोग नहीं हो रहा है। सार्वजनिक जगहों को सैनिटाइज करने का कार्य भी ठप पड़ा है।

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लाखों खर्च के बाद भी स्वच्छता पर सवाल :

शहर की सफाई कार्य के लिए नगर परिषद की ओर से दो एजेंसी को टेंडर दिया गया है। दोनों एजेंसी को सफाई कार्य के लिए 33 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा नगर परिषद के करीब तीन दर्जन सफाई कर्मी को वेतन मद में प्रतिमाह करीब पांच लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। इस तरह शहर की सफाई के नाम पर प्रतिमाह 38 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी शहर की स्वच्छता पर सवाल उठता रहा है।

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गंदगी और संडांध से लोग परेशान :

सोमवार को शहर के गंगासागर चौक स्थित पसरी गंदगी लोगों को नाकोदम कर रखा था। शहर के बीचोंबीच थाना चौक स्थित विद्यापति टावर स्थित कूड़ेदान गंदगी से पटा था। अशोक मार्केट चौक से नगर परिषद चौक जाने वाली सड़क के दोनों किनारे गंदगी का ढेर लोगों की आवाजाही में परेशानी पैदा कर रहा था। गंगासागर चौक से महिला कॉलेज रोड में कूड़ेदान के निकट गंदगी की बदबू से लोग परेशान नजर आ रहे थे। वार्ड नौ के कुभंकार टोली में गंदगी से भरे कूड़ेदान की सड़ांध ने स्थानीय लोगों को जीना मुहाल कर रखा है। कुभंकार टोला में कई दिनों पर सफाई कर्मी नजर आते हैं। इधर, शहर के गिलेशन बाजार में सडे-गले सब्जी की बदबू लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। कोरोना संक्रमण के बीच शहर की सफाई और डीडीटी छिड़काव के नाम पर लूट मची है।

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बिना सुरक्षा उपकरण कचरा से जूझते सफाईकर्मी :

कोरोना संक्रमण के बीच शहर की सफाई कार्य से जुड़े सफाई कर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजर, ग्लब्स, मास्क की सुविधा नहीं मिलने की शिकायत है। जिससे कर्मियों को सफाई के दौरान बीमार होने की चिता सताती रहती है। मधुबनी सफाई कर्मी संघ के अध्यक्ष दिनेश राम ने बताया कि सफाई कर्मियों को चार माह पूर्व ग्लब्स, मास्क दी गई थी। उसके बाद से ग्लब्स, मास्क व सैनिटाइजर की कमी बनी है। नगर परिषद के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि शहर की सफाई कार्य को दुरूस्त रखने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। वहीं, सफाई एजेंसी मेसर्स सुभाष सिंह के प्रबंधक नितिन सिंह ने बताया कि सफाई कर्मियों को समय-समय पर ग्लब्स, मास्क उपलब्ध कराई जाती है।

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