राजनगर प्रखंड नजारत में 3.19 करोड़ का नहीं मिल रहा हिसाब, गबन की आशंका
मधुबनी । राजनगर प्रखंड कार्यालय नजारत में लगभग 3.19 करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा है।
मधुबनी । राजनगर प्रखंड कार्यालय नजारत में लगभग 3.19 करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा है। जिस कारण वित्तीय अनियमितता एवं गबन की आशंका गहराने लगी है। बीडीओ के आदेश का पालन करने में तत्कालीन नाजिर उदयकांत द्वारा आनाकानी की जा रही है। कई बार पत्र जारी किए जाने के बाद भी तत्कालीन नाजिर उदयकांत बीडीओ के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है। इस संबंध में राजनगर की बीडीओ निवेदिता ने एक बार फिर कठोर चेतावनी के साथ आदेश राजनगर प्रखंड के तत्कालीन नाजिर उदयकांत (वर्तमान में लदनियां प्रखंड में पदस्थापित) को जारी किया है।
राजनगर की बीडीओ निवेदिता ने राजनगर प्रखंड के तत्कालीन नाजिर उदयकांत को कठोर आदेश दिया है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर तत्कालीन नाजिर सह प्रभारी प्रधान लिपिक, राजनगर जो वर्तमान में रहिका अंचल में पदस्थापित हैं, से समन्वय स्थापित कर संपूर्ण प्रभार ग्रहण करते हुए नजारत का संपूर्ण प्रभार वर्तमान नाजिर मो. जाकिर हुसैन को समर्पित करना सुनिश्चित करें। बीडीओ ने तत्कालीन नाजिर उदयकांत को चेताया है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनके विरुद्ध वित्तीय गबन के तहत कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारी को रिपोर्ट कर दिया जाएगा।
बीडीओ ने ताजा आदेश वाले पत्र में तत्कालीन नाजिर उदयकांत से कहा है कि विभिन्न पत्रों के माध्यम से एवं अन्य माध्यम से लगातार आदेश दिया गया था कि प्रखंड नजारत का संपूर्ण प्रभार यथा लगभग 3.19 करोड़ का असमायोजित अभिश्रव, संचिकाएं, अभिश्रव, एसी-डीसी विपत्र संबंधी संचिकाएं, पूर्व का रोकड़ बही आदि अविलंब तत्कालीन नाजिर विजय किशोर यादव से प्राप्त करते हुए संपूर्ण प्रभार वर्तमान नाजिर मो. जाकिर हुसैन को समर्पित करना सुनिश्चित करें। लेकिन अब तक श्री यादव से उनके द्वारा प्रभार ग्रहण नहीं किया गया है। इस मामले को लंबित रखा गया है। जबकि श्री यादव प्रतिदिन प्रभार देने के लिए कार्यालय में उपस्थित होते हैं। लेकिन उदयकांत आज-कल का बहाना बनाते है, जिसे बीडीओ ने खेदजनक करार दिया है।
राजनगर की बीडीओ निवेदिता ने बताया कि राजनगर प्रखंड के तत्कालीन नाजिर उदयकांत पर 3.19 लाख का अभिश्रव बकाया है। अनेकों बार स्मारित करने के बाद भी उदयकांत ने इस राशि का अभिश्रव राजनगर प्रखंड कार्यालय को नहीं सौंपा है। तत्कालीन नाजिर उदयकांत टालमटोल रवैया अपना रहा है। इसके विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र भेजा गया है।