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ट्रेड यूनियन की हड़ताल से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित

मधेपुरा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर बुधवार को

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 02:07 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:07 AM (IST)
ट्रेड यूनियन की हड़ताल से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित
ट्रेड यूनियन की हड़ताल से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित

मधेपुरा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर बुधवार को जिले के भारतीय स्टेट बैंक एवं उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक कर्मी को छोड़कर अन्य सरकारी बैंक कर्मी, पोस्ट ऑफिस कर्मी, एलआइसी कर्मी कार्यालय का कामकाज ठप रहा। कर्मी हड़ताल पर रहकर अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। केंद्रीय ट्रेड यूनियन की हड़ताल को विभिन्न राजनीतिक पार्टी भाकपा, माकपा, भाकपा माले सहित कई निर्माण कामगार यूनियन, एक्टू, एटक, सीटू ने भी अपना समर्थन दिया। बैंक कर्मियों की हड़ताल पर रहने से लगभग 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। हड़ताल में शामिल रहे बैंककर्मी

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अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल में शामिल बैंकों के कर्मी अपनी-अपनी शाखा के समक्ष प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारे लगाए। हड़ताली बैंक कर्मी घूम-घूम कर हड़ताल का समर्थन नहीं करने वाले बैंकों में पहुंच उक्त बैंकों के कामकाज को बाधित करने का काम किया। बाधित करने के बावजूद भारतीय स्टेट बैंक एवं ग्रामीण बैंक की शाखा में अन्य दिनों की भांति कामकाज होता रहा। यद्यपि थोड़ी देर के लिए बंद समर्थकों ने बाधित करने का प्रयास किया। बैंक कर्मियों की हड़ताल में रहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल में शामिल रहे एलआइसी कर्मी

ट्रेड यूनियन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर कामकाज ठप कर हड़ताल में शामिल एलआइसी कर्मियों की मांग थी कि एक अगस्त 2017 से देय वेतन पुनर्निर्धारण का शीघ्र समाधान हो। साथ ही एनपीएस को वापस लिया जाय। बीमा प्रीमियम पर से जीएसटी समाप्त किया जाय व बीमा क्षेत्र में एफडीआइ में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाय। इसके अलावा श्रम कानून में किए गए बदलाव को वापस लिए लाने का मांग भी शामिल था। हड़ताली एलआइसी कर्मी शाखा में ताला जड़कर सरकार विरोधी नारे लगाए। मौके पर संघ के अध्यक्ष मंजेश कुमार, सचिव मु.जसीम, मु.समीम, अजय कुमार साह, संजीव किशोर, मुकुल प्रसाद श्रीवास्तव, अजय नाथ झा आदि मौजूद थे। धरना पर बैठे डाकघरकर्मी संयुक्त डाक कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर सर्किल उपाध्यक्ष चंचल कुमार की अध्यक्षता में हड़ताली डाक कर्मी शाखा के आगे धरना पर बैठ अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। डाक कर्मियों के मांगों में रिक्त पदों को अविलंब भरने, ईडीएस कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, विभाग को निजीकरण करने से रोकने व डाक विभाग का सप्ताह में पांच दिन कार्य दिवस निश्चित करने की मांग की गई। मौके पर मुन्ना कुमार, संजीव कुमार, नंदिनी कुमारी, सरोजनी कुमारी मरांडी, एनसी सोरेन, विनोद कुमार, कृष्णा कुमार, रतन कुमार, रीता कुमारी, चित्रलेखा कुमारी सहित अन्य मौजूद थी। हड़ताल को राजनीतिक दलों ने दिया समर्थन केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को समर्थन कर रहे वामदलों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। बाइक जुलूस निकाल विभिन्न यूनियन के साथ मिल शहर के कर्पूरी चौक को जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। भाकपा के कार्यकर्ताओं ने शहर में घूम-घूम कर सभी बैंकों को बंद करवाने का कार्य किया। इसके अलावा डाकघर, एलआइसी, विद्युत विभाग के कार्यालय को भी बंद करवाया। भाकपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार फासीवादी एवं किसान, मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा कि देश में संविधान का उलंघन एवं लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं। देश में साम्प्रदायिक बंटवारा नहीं अधिकार चाहिए।

एक्टू, एटक, सीटू ने अलग अलग स्थानों से जुलूस निकाल विभिन्न मार्गों से होते हुए कर्पूरी चौक पहुंच सड़क जाम कर यातायात को बाधित कर दिया। आंदोलन में सामिलका भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि केंद्र की सरकार मनुवादी है। उन्होंने निर्माण मजदूर, ठेला, रिक्सा, ऑटो चालक, घरेलू दाई आदि असंगठित मजदूरों को निबंधित करने, पेंशन योजना से जोड़ने, 21,000 रुपये मासिक मजदूरी देने एवं समान काम का सामान कीमत देने की मांग किया। माकपा के राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि केंद्र की सरकार कॉरपोरेट परस्त नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कौड़ी के दाम बेच रही है। रेल, बैंक, बीमा, कोयला, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं को निजीकरण किया जा रहा है। कार्यक्रम को भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, किसान सभा के राज्य सचिव रमन कुमार, माकपा के वरीय नेता श्यामानंद गिरी, भाकपा के युवा नेता शम्भू क्रांति, अंचल मंत्री मु.जहांगीर, एआइएसएफ जिलाध्यक्ष वासीमउद्दीन, सौरभ कुमार, जितेंद्र कुमार मुन्ना, एसएफआइ के जिला सचिव राजदीप कुमार, चंदेश्वरी यादव, माधो राम, एटक नेता बीरेंद्र नारायण सिंह, दिलीप पटेल, मु.जमील, सूर्य नारायण राय, रसोईया संघ के शुशीला देवी, छोटकी देवी, सुनीता देवी, राजेश कुमार, किसान नेता मोहन सिंह, अमित कुमार, कामगार यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रमोद राम, जिला सचिव गोविद, जिला उपाध्यक्ष राजदीप कुमार, कोषाध्यक्ष संतोष साह सहित अन्य ने संबोधित कर अपने अपने विचार रखे।


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