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तीन दिवसीय दर्शन परिषद का अधिवेशन अब 20 मार्च से

मधेपुरा। दर्शन परिषद बिहार का 42वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 20 से 22 मार्च 2020 को भूपेन्द्र ना

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:15 PM (IST)
तीन दिवसीय दर्शन परिषद का अधिवेशन अब 20 मार्च से
तीन दिवसीय दर्शन परिषद का अधिवेशन अब 20 मार्च से

मधेपुरा। दर्शन परिषद बिहार का 42वां वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 20 से 22 मार्च 2020 को भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में आयोजित होगा। इसका निर्णय शनिवार को दर्शन परिषद के पदाधिकारियों एवं आयोजन समिति के बीच वार्ता के बाद लिया गया। 17 दिसंबर 2019 को आयोजित होने वाले तृतीय दीक्षा समारोह को ध्यान में रखकर दर्शन परिषद के आयोजन की तिथि परिवर्तित की गई थी। कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने बताया कि यह अधिवेशन भारत सरकार के अंतर्गत संचालन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संपोषित है। इसका मुख्य विषय शिक्षा, समाज एवं संस्कृति रखा गया है। शिक्षा, समाज एवं संस्कृति में गहरा संबंध है। इन तीनों के विभिन्न आयामों पर विचार करना ही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है। वहीं, आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि अधिवेशन के अवसर पर एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान सहित कई गणमान्य राजनेताओं एवं शिक्षाविदों का शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुका है। लगातार देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वानों का शोध-सार एवं शोध-आलेख प्राप्त हो रहे हैं। शोध सार एवं शोध आलेख एक मार्च 2020 तक पर भेजा जा सकता है। सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए चुनिदा आलेखों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। साथ ही उसे परिषद की शोध-पत्रिका दार्शनिक अनुगूंज में नि:शुल्क प्रकाशित किया जाएगा।

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-श्रेष्ठ पांच आलेखों पर जेएन ओझा स्मृति युवा पुरस्कार

प्रति कुलपति डॉ. फारूक़ अली ने बताया कि अधिवेशन में पांच विभागों (समाज दर्शन, धर्म दर्शन, नीति दर्शन, तत्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा) के अंतर्गत शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इन विभागों में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा पढ़े जाने वाले श्रेष्ठ पांच आलेखों (प्रत्येक विभाग में एक) पर जेएन ओझा स्मृति युवा पुरस्कार (प्रत्येक पुरस्कार एक हजार रुपये का) प्रदान किया जाएगा। इसी तरह 35 वर्ष से कम उम्र के पांच अन्य लोगों को एक-एक हजार का डॉ. विजय स्मृति युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा सभी विभागों में प्रस्तुत एक सर्वश्रेष्ठ आलेख पर दो हजार रुपये का प्रोफेसर सोहनराज लक्ष्मीदेवी तातेड़, जोधपुर (राजस्थान) पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

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बारह विद्वानों का होगा विशेष व्याख्यान: मानविकी संकायाध्यक्ष

दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने बताया कि अधिवेशन में देश के बारह विद्वानों का व्याख्यान होगा। इनमें डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा एवं डॉ. एचएस प्रसाद (नई दिल्ली), डॉ. जटाशंकर (इलाहाबाद), डॉ. सभाजीत मिश्र (गोरखपुर), डॉ. सोहनराज तातेड़ (जोधपुर), डॉ. सरस्वती मिश्रा (राची), डॉ. महेश सिंह (आरा), डॉआइएन सिन्हा, डॉ. एनपी तिवारी एवं डॉ. पूनम सिंह (पटना), डॉ. प्रभु नारायण मंडल एवं डॉ. शंभू प्रसाद सिंह (भागलपुर) के नाम शामिल हैं। व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. रामजी सिंह (भागलपुर) करेंगे। इसके अलावा बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर होगी विशेष संगोष्ठी

अधिवेशन के अवसर पर दो विशेष संगोष्ठी भी आयोजित की गई है। पहली संगोष्ठी का विषय बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत है। इसके जरिए पूरे बिहार और विशेषकर कोसी की विरासत को सामने लाया जाएगा।


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