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मीरा काव्य में प्रेम की प्रतिमूर्ति

मधेपुरा बीएनमएयू स्नातकोत्तर हिदी विभाग में शनिवार को मीरा के काव्य में प्रेम विषय पर गोष्ठ

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 06:22 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:09 AM (IST)
मीरा काव्य में प्रेम की प्रतिमूर्ति
मीरा काव्य में प्रेम की प्रतिमूर्ति

मधेपुरा : बीएनमएयू स्नातकोत्तर हिदी विभाग में शनिवार को मीरा के काव्य में प्रेम विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कवयित्री मीरा के काव्य में प्रेम पर बोलते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिदी के प्रोफेसर डॉ. परशुराम राय प्रेम प्रभाकर ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ कवयित्री बताया। उन्होंने कहा कि मीरा प्रेम की प्रतिमूर्ति थी। वे अपने प्रेम, सेवा, समर्पण, निष्ठा को शब्दों में पिरोकर लोगों पर अपना अलग ही प्रभाव छोड़ती थी। वे राजकुल से संबंधित होने के बावजूद आमलोगों के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करने का काम किया। उन्होंने आत्मसंघर्ष को स्त्री संघर्ष में बदल कर स्त्री स्वाधीनता की रक्षा करने का जिस प्रकार उदाहरण प्रस्तुत किया है। वो अनुकरणीय है। वहीं हिदी विभागाध्यक्ष डॉ. सीताराम शर्मा एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार चौधरी ने भी इस विषय पर अपना विचार रखा। कार्यक्रम में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम प्रभाकर को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मौके पर सिडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, जेआरएफ सोनम सिंह, शोधार्थी नीतू कुमारी सहित अन्य मौजूद थे।

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