तनाव के कारण मानसिक रोग के शिकार हो रहे लोग
मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय स्थित पीएससी में गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जागरू
मधेपुरा। अनुमंडल मुख्यालय स्थित पीएससी में गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जागरूकता रैली निकाली गई। रैली का शुभारंभ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. इंद्र भूषण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया। मौके पर डा. गजनफर अली ,डॉ रंजन कुमार,डॉ दीपक कुमार,डा. दीनदयाल शर्मा,स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार वर्मा,कुष्ठ विभाग के अशोक कुमार राज,आशा फैसिलिटेटर, आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। रैली मुख्यालय के मुख्य बाजार, गली मुहल्ले होते हुए पुन: पीएचसी परिसर पहुंचे। जहां कर्मियों को संबोधित करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. इंद्रभूषण कुमार ने कहा कि समय के साथ मेंटल हेल्थ का ट्रेंड काफी बदल गया है। इसमें मानसिक बीमारी सामान्य हो गयी है। हर चार में से एक व्यक्ति किसी ने किसी मोड़ पर मानसिक व न्यूरो संबंधित विकारों से प्रभावित है।अक्सर जिन लोगों को हम आम भाषा में भावुक कह देते हैं। वैसे लोग अब मानसिक रोगी बन रहे हैं।अवसाद के कारण आत्महत्या के केस बढ़ रहे हैं। स्मार्ट फोन के असामान्य इस्तेमाल से परेशानी बढ़ रही है।इनसे लोगों के हाव-भाव तेजी से बदल रहा है।कई लोग तो इस वजह से दोहरी मानसिकता से ग्रसित होने लगे हैं।जिसके कारण अधिकांश मानसिक बीमारियों को पहचानना भी मुश्किल है। मौके पर मनोचिकित्सक परिचारिका बिहार सरकार के द्वारा निम्नहांस बेंगलुरु से प्रशिक्षण ले रहे डा. दीनदयाल शर्मा ने मानसिक बीमारियों से बचने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि समाज में मानसिक रोगों को लेकर कई भ्रांतियां हैं। लोग इन्हें भूत प्रेत बाधा समझकर झाड़-फूंक करवाते रहते हैं। रोगी को समय से इलाज ना मिलने से बीमारी गंभीर होती चली जाती है।युवाओं में बढ़ते तनाव, उनमें होने वाले सामान्य एवं गंभीर मानसिक रोग, आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति, टेक्नोलॉजी से हो रहे दुष्प्रभाव जैसी समस्याओं के बारे में जागरुकता जरूरी है।इसके लिए घर घर जाकर लोगों को जागरूक करने और समय समय पर कर्मियों को प्रशिक्षित करने की बात कही गई।