जातिवाद लोकतंत्र का है कलंक : प्रो. सचिद्र
संवाद सूत्र, सिंहेश्वर(मधेपुरा) : हमारे पुरखों ने शुरू से ही जातिमुक्ति के लिए काफी संघर्ष किया है।
संवाद सूत्र, सिंहेश्वर(मधेपुरा) : हमारे पुरखों ने शुरू से ही जातिमुक्ति के लिए काफी संघर्ष किया है। लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक हमारा समाज जातिमुक्त नहीं हो सका है। अत: आज जातिमुक्ति के लिए जनांदोलन चलाने की जरूरत है। यह बात जाति-विहीन समाज निर्माण समिति के अध्यक्ष सह पूर्व कुलसचिव प्रो. सचिद्र ने कही। वे सोमवार को विश्वविद्यालय अतिथिशाला परिसर में आयोजित जननायक जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन मधेपुरा यूथ एसोसिएशन माया के तत्वावधान में किया गया। उन्होंने कहा कि जातिवाद लोकतंत्र का कलंक है। जातिमुक्ति के बगैर लोकतांत्रिक समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। पूर्व सीसीडीसी डा. अमोल राय ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर सादगी की प्रतिमूर्ति थे। आज की राजनीति में उनके जैसा विरल व्यक्तित्व मिलना मुश्किल है। कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर आम जनता से जुड़े थे। उन्होंने समाज हित के लिए कई ऐसे फैसले लिए जो आज भी मिसाल है। आज हमें उनके पदचिह्नों पर चलकर हमें समाज के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
केपी कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डा. जवाहर पासवान ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए कार्य किया। जनसंपर्क पदाधिकारी डा. सुधांशु शेखर ने कहा कि कर्पूरी की सादगी व त्याग को आत्मसात करने की जरूरत है। प्राइवेट स्कूल एशोसिएशन के अध्यक्ष किशोर कुमार ने कहा कि माया लगातार सामाजिक सरोकारों को केंद्र में रखकर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता माया अध्यक्ष राहुल यादव ने कहा कि माया के अथक प्रयास से विश्वविद्यालय में कर्पूरी प्रतिमा के लिए जगह मिली है। शीघ्र ही यहां उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। साथ ही उनके विचारों एवं कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए भी कई योजनाएं बनाई जा रही है। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत माया उपाध्यक्ष सौरव यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन माया के संरक्षक तुरबसु ने की।
इस अवसर विधान पार्षद प्रतिनिधि सह भाजपा नगर अध्यक्ष अंकेश गोप, प्रशांत कुमार, प्रभात कुमार, शंभू कुमार, सौरभ कुमार चौहान सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।