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जातीय जनगणना को लेकर सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी एआइएसयू

संवाद सूत्र सिंहेश्वर (मधेपुरा) बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सड़क से सदन तक एआइएसयू आ

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 05:53 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 05:53 PM (IST)
जातीय जनगणना को लेकर सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी एआइएसयू
जातीय जनगणना को लेकर सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी एआइएसयू

संवाद सूत्र, सिंहेश्वर (मधेपुरा) : बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सड़क से सदन तक एआइएसयू आंदोलन करेगी। मधेपुरा से आंदोलन का आगाज होगा। उक्त बातें आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. मुरारी ने कही।

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उन्होंने कहा कि आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन ने लागातर जातीय जनगणना की मांग को लेकर आंदोलन को तेज किया है। यूनियन के द्वारा आंदोलन की शुरुआत की गई है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. मुरारी ने कहा कि जब बिहार में पेड़-पौधे, जीव-जंतु की गाय-माल की गिनती अगर हो सकती है तो मानव के जाती का क्यों नहीं। जब बिहार में विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ खुद मुख्यमंत्री जातीय जनगणना करवाना चाहती है तो केंद्र की सरकार आखिर क्यों नहीं बात को मान रही। आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन ने ठाना है जब तक जातीय जनगणना नहीं हो जाती तब तक हमलोग चुप नहीं बैठेंगे। इससे पहले जन नायक कर्पूरी ठाकुर के जयंती पर आंदोलन की शुरूआत की गई। कोरोना काल को देखते हुए लोग अपने-अपने घरों से इस मांग को उठाए ओर जातीय जनगणना के समर्थन में अपना -अपना समर्थन पत्र लिखकर भेज। जातीय जनगणना बिहार में हो आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन लंबी लड़ाई को लड़ने की तैयारी कर चुकी है। इससे पहले आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन की ओर से जन नायक कर्पूरी ठाकुर जयंती धूम-धाम से मनाया गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि अध्यक्ष सौरभ कुमार व जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार राजा ने किया। मौके पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. मुरारी ने कहा कि जन नायक कर्पूरी ठाकुर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, सफल शिक्षक व राजनीतिज्ञ थे। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता है। कर्पूरी ठाकुर का जन्म ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया में हुआ था। जननायक के पिता का नाम गोकुल ठाकुर तथा माता का नाम रामदुलारी देवी थी। इनके पिता गांव के सीमांत किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम करते थे। भारत छोड़ो आंदोलन के समय उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए। वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान मुख्यमंत्री रहे।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष ई. अंशु यादव, अमलेश यादव, गुड्डू कुमार, पुसपक कुमार, विकाश कुमार राजा, विवेक कुमार, गौतम कुमार, हिमांशु कुमार, राजा यदुवंशी, ओम यदुवंशी, रवि यदुवंशी, इंदल यादव, गुड्डू कुमार, चंदन कुमार, अभिजीत कुमार, लालू यादव दर्जनों छात्र नेता मौजूद थे।


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