कोरोना में बिना डाक्टरी सलाह के दवा खाना सेहत के लिए हानिकारक : डा. श्रृंगी शिवम
संवाद सूत्र सिंहेश्वर (मधेपुरा) कोरोना ने कई नई तरह की बीमारियों को जन्म दिया है। अब
संवाद सूत्र, सिंहेश्वर (मधेपुरा) : कोरोना ने कई नई तरह की बीमारियों को जन्म दिया है। अब मामूली बुखार और पेट व शरीर में दर्द को भी नजरअंदाज कर स्वयं से दवा खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। हड्डियों में या सिर में दर्द की समस्या काफी समय से है तो डाक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं। उक्त बातें मधेपुरा में सृजन मेमोरियल हास्पिटल के निदेशक डा. श्रृंगी शिवम का कहना है।
वह कहते हैं कि कोरोना महामारी से उपजे डर और अवसाद से कम उम्र के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के साथ धड़कने अनियमित होने की समस्या करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ी है। कोरोना से मुक्त हुए 35 से 40 प्रतिशत लोगों में हाइपरटेंशन के लक्षण देखने को मिल रही है। पेट दर्द भी कोरोना का लक्षण विशेषज्ञ डाक्टर डा. श्रृंगी शिवम कहते हैं कि पेट दर्द भी अब कोरोना का लक्षण है। सीटी स्कैन में यह पाया गया है कि तीन से चार दिनों तक लगातार पेट दर्द की समस्या बनी होने पर मरीज की जांच में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। वजह थी कि मरीज ने जो दवा खा ली वह उसकी उम्र और वजन के अनुसार अनुकूल नहीं थी। मेडिकल स्टोर वाले भी उम्र और मरीज के बारे में पूछे बिना दवा दे देते हैं। बिना डाक्टरी सलाह के मेडिकल स्टोर से मिलने वाली कई दवाएं इतनी हार्ड होती हैं जो सीधे किडनी या हार्ट पर विपरीत असर करती हैं। हालांकि यही दवाएं पहले कारगर थीं लेकिन कोरोना वायरस के चलते इन्हें अब डाक्टर की सलाह के बिना खाना किसी नई बीमारी को न्योता देने जैसा है।
24 घंटे डाक्टर हैं फोन पर उपलब्ध
सृजन मेमोरियल हास्पिटल के फिजिशियन डा. शिवम का कहना है कि हास्पिटल में 24 घंटे टेलीफोनिक सेवा में लोगों के लिए कई डाक्टर फोन पर उपलब्ध हैं। इस सुविधा से लोगों को घर से कहीं जाना भी नहीं पड़ेगा। वे हास्पिटल के 8709708408 नंबर काल कर नि:शुल्क परामर्श ले सकते हैं। इसलिए मामूली बीमारी हो तो भी डाक्टर से बात जरूर कर लें दवा तभी लें। गर्भवती स्त्रियों को खास ख्याल रखना होगा।
कोरोना से युवाओं में बढ़ा है ब्लड प्रेशर का खतरा
विशेषज्ञ डा. श्रृंगी शिवम ने कहा कि कोरोना से हर उम्र के लोगों में चिता और तनाव बढ़ रहा है। इससे 30-50 वर्ष के युवाओं में भी दिक्कत देखने को मिल रही है, जिन्हें पहले कोई परेशानी न थी। उनमें नींद न आने, घर में बंद रहने से व्यायाम न कर पाना, खानपान का बिगड़ना, तनाव के चलते मीठा और तला-भुना व चिकनाई वाली चीजें ज्यादा खाना, मन में भय की आशंका और आर्थिक नुकसान आदि से लोगों में अवसाद बढ़ा है। इसके चलते जिन्हें पहले कभी ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं थी उनमें बीपी हो रहा है। जांच में उनकी धडकऩें भी बढ़ी मिल रही है।
स्टेराइड भी हो सकती है वजह
विशेषज्ञ डाक्टर श्रृंगी शिवम कहते हैं कि स्टेराइड शरीर की इम्युनिटी कम कर कोरोना वायरस को रोकता है, लेकिन इससे शरीर में पानी और सोडियम का संचय होने लगता है। ज्यादा स्टेराइड लेने के बाद रोगियों के चेहरे पर सूजन आ जाती है। शरीर में नमक जमा होने से बीपी भी बढ़ जाता है।
महामारी में तनाव व अवसाद से 25 प्रतिशत बढ़ गए बीपी के रोगी शरीर में एक खास एंजाइम होता है जिसे एसीई दो (एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग एंजाइम) कहते हैं। यह मुख्य रूप से फेफड़ों, हृदय, किडनी व पाचन तंत्र की बाहरी झिल्लियों में मिलता है। इसका काम खून की नलियों को आराम पहुंचाना व उनमें सूजन को रोकना है। कोरोना वायरस इसकी सक्रियता को रोक देता है। जब यह एंजाइम काम नहीं करता है तो खून की नसों में तनाव और सूजन की समस्या होती है। इससे मरीज में ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है। गंभीर रोगियों में यह अधिक हो रहा है।
निगेटिव बातों से रहें दूर, रुचि का रखें ख्याल विशेषज्ञ का कहना है कि वजन नियंत्रित रखें। डा. शिवम के अनुसार वजन बढ़ने से बीपी की दिक्कत होती है। रोज 30 मिनट व्यायाम कर कुछ हद तक बीपी घटाया जा सकता है। मोटे अनाज, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। डाइट से 14 एमएम एचजी तक बीपी कंट्रोल कर सकते हैं। तली-भुनी या मीठी चीजों से बचें। जो लोग स्वस्थ हैं वे रोज पांच ग्राम से कम और जिन्हें बीपी है वे दो ग्राम ही नमक खाएं। इससे 4-8 एमएम एचजी तक बीपी कम किया जा सकता है। निगेटिव बातों से दूर रहें। रूचि का काम करें। कोई नशा न करें।
बुखार ओमिक्रोन संक्रमण का है प्रमुख लक्षण डा. शिवम ने कहा कि ठंड के साथ बुखार आना भी ओमिक्रोन संक्रमण का एक प्रमुख लक्षण है। इनके अलावा, ओमिक्रोन संक्रमित व्यक्ति में रात में सोने के दौरान तेज पसीना आना, बैचेनी महसूस होना और माथा भारी लगने जैसे लक्षण भी दिखते हैं। कई संक्रमितों की त्वचा पर चकत्ते भी देखने को मिले हैं। इन लक्षणों के दिखते ही आप जितनी जल्दी हो, अपना कोविड टेस्ट जरूर करवा लें, ताकि समय रहते उचित उपचार कर सकें और आइसोलेट होकर अपने आसपास मौजूद लोगों को भी सुरक्षित कर सकें।