मिलता रहा आश्वासन, नहीं बदली ग्रामीण इलाकों की सड़कों की सूरत
मधेपुरा। विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की सूरत अभी तक
मधेपुरा। विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की सूरत अभी तक नहीं बदल सकी है।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जर्जर सड़कों के निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने सांसद विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को सड़कों की स्थिति से अवगत कराया। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो सका। जर्जर सड़कों का निर्माण नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को मतदाताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के 12 पंचायतों में से अधिकांश जगहों की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इनमें ग्वालपाड़ा पंचायत की नोहर गांव जाने वाली सड़क, शाहपुर पंचायत सुखासन गांव टेमाभेला ,बीर्गाव चतरा आदि पंचायत की गांव की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। गुणवत्ता के अभाव मे समय से पूर्व ही सड़के बेहाल हो गयी है। इस बदहाल सड़क देखकर लोग क्षुब्ध है। वही प्रशासकीय महकमा निश्चिंत है।