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पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ अनशन पर बैठे पीड़ित

मधेपुरा। प्राथमिकी अभियुक्त का नाम पुलिस द्वारा हटा दिए जाने के खिलाफ पीड़ित ने कला भवन के सम

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 11:20 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 11:20 PM (IST)
पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ अनशन पर बैठे पीड़ित
पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ अनशन पर बैठे पीड़ित

मधेपुरा। प्राथमिकी अभियुक्त का नाम पुलिस द्वारा हटा दिए जाने के खिलाफ पीड़ित ने कला भवन के समीप गुरुवार से अनशन शुरू कर दिया है। पीड़ित ने तीसरी बार अनशन शुरू किया है। दो बार पुलिस के आश्वासन पर अनशन तोड़ा था। दरअसल पुलिस की कार्यशैली से आक्रोशित स्वजनों ने अनशन शुरू किया है।

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स्वजनों से कहा गया कि इससे पहले सितंबर व अगस्त में अनशन किया गया था। पुलिस अधिकारी के आश्वासन पर अनशन समाप्त किया गया। लेकिन उसके बाद पुलिस के विपक्षी को ही मदद की। फलाफल फिर से अनशन शुरू किया गया है। स्वजनों का आरोप है कि हत्यारोपित को पुलिस बचा रही है। 17 लोगों को नामजद किया गया था। इसमें पुलिस ने कई लोगों का नाम हटा दिया है। कई लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हत्यारा लगातार धमकी देता है। स्वजनों का कहना है कि जब तक आरोपित की गिरफ्तारी व हटाए गए नाम नहीं जोड़ा जाता है अनशन जारी रहेगा। चाहे जान ही क्यों न चली जाय। मामला मुरलीगंज थाना क्षेत्र के भदौल पंचायत का है। जहां तीन जुलाई को सत्य नारायण यादव की तीन जुलाई को पीट-पीटकर कर दिया गया था। मामले में 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। लेकिन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने अनुसंधान में 12 लोगों का नाम हटा दिया। यद्यपि बाद में कुछ लोगों का नाम जोड़ा गया है। लेकिन स्वजन सभी लोगों का नाम प्राथमिकी में जोड़ने की मांग कर रहे हैं। भर्राही ओपी निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके चाचा की हत्यारोपित की पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर रही है। उल्टे नामजद अभियुक्तों का नाम हटा दिया गया है।


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