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टूट नहीं रहा शराब तस्करों का कोसी टू हरियाणा कनेक्शन

संवाद सूत्र मधेपुरा जिले में शराब तस्करों का हरियाणा कनेक्शन दिन-व-दिन मजबूत होता जा र

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:41 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 05:41 PM (IST)
टूट नहीं रहा शराब तस्करों का कोसी टू हरियाणा कनेक्शन

संवाद सूत्र, मधेपुरा : जिले में शराब तस्करों का हरियाणा कनेक्शन दिन-व-दिन मजबूत होता जा रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद इस सिडिकेट की कमर नहीं टूट रही है।

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आलम यह है कि हर माह हजारों बोतल शराब पकड़े जाने के बाद भी बाजार में बिक्री जारी है। जिले के सभी 13 प्रखंडों में शराब बिक्री का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। प्रशासन व पुलिस विभाग रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसके बाद भी पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है। जिले में शराब हरियाणा से चलकर यूपी होते हुए बिहार में लाई जाती है। गोपालगंज-मुजफ्फरपुर के रास्ते तस्करी कर कोसी लाया जाती है। शराब तस्करों का नेटवर्क कुछ ऐसा है कि ठिकाने तक शराब पहुंच भी जाती है। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है। हर माह पकड़ी जाती है शराब की खेप अपकारी विभाग की मानें तो जिले में पिछले तीन माह के दौरान की गई छापेमारी में कुल 3,863 लीटर शराब बरामद की गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। छापेमारी के दौरान दो दर्जन से अधिक तस्कर भागने में सफल हुए हैं।

तीन माह में जब्त अंग्रेजी व देसी शराब

सितंबर : 453 लीटर : 405 लीटर अक्टूबर : 286 लीटर : 454 लीटर नवंबर : 1211 लीटर : 838 लीटर ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही शराब

अपकारी विभाग द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी के बावजूद देहाती इलाकों में कच्ची शराब निर्माण का धंधा चल रहा है। यद्यपि छापेमारी के दौरान मुरलीगंज थाने के जोरगामा, सदर थाना के जीवछपुर, शंकरपुर थाना के रामपुर व बिहारीगंज थाने के कोठी टोला में की गई कार्रवाई के दौरान पुलिस व अपकारी विभाग की टीम ने लगभग एक दर्जन से अधिक कच्ची शराब बनाने की भट्ठियों को ध्वस्त किया है। साथ ही वहां से हजारों लीटर महुआ तथा अ‌र्द्धनिर्मित शराब बरामद की है।

सूचना देने के लिए किया वाट्सएप नंबर जारी अब ड्रोन से होगी भट्ठियों की निगरानी

शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार ने नए तकनीक के उपयोग का फैसला लिया है। जिन-जिन क्षेत्रों में देसी व चुलाई शराब बनाए जाने की संभावना अधिक है, उन क्षेत्रों की निगरानी ड्रोन से करने का फैसला लिया गया है। अपकारी विभाग के नए अपर सचिव केके पाठक ने कार्यालय के वाट्सएप नंबर 9473400600 जारी कर कहा है कि इस नंबर पर शराब बेचने व पीने की जानकारी दें। सूचना दाताओं का नाम गुप्त रखा जाएगा।

फेल हो रहा है पुलिस के सूचना तंत्र जिले में शराब तस्करी का धंधा और कच्ची शराब बनाने और बेचने का काम निर्बाध रूप से जारी है। पुलिस शराब बरामद करती है, लेकिन इस गोरखधंधे पर पूरी तरह लगाम लगाने में विफल है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विभाग अपने पुराने व नए सूचना तंत्र का ठीक-ठीक इस्तेमाल कर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन धंधेबाज इतने शातिर हैं कि हर बार अपना ठिकाना बदल लेता है। जिसे ढूंढ पाने में विभाग फेल हो रहा है। जरूरत है प्रशासन, पुलिस व अपकारी विभाग को समन्वयक बनाकर ठोस कार्य योजना के साथ इस धंधे को रोकने की दिशा में कार्रवाई करने की।

कोट शराब तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। यही कारण है कि पहले की तुलना में अब शराब की खेप कम आने लगी है। शराब बनाने वाले तस्करों के खिलाफ भी लगातार छापेमारी की जा रही है। दर्जनों भट्ठियों को ध्वस्त कर दिया गया है। -सुरेंद्र प्रसाद, उत्पाद अधीक्षक, मधेपुरा

शराब तस्करों व पियक्कड़ों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। हर रोज शराब की बरामदगी हो रही है। हर माह दर्जनों तस्करों को भी सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। थानाध्यक्षों द्वारा शराब माफियाओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है। सूचना तंत्र को भी मजबूत करने का सख्त निर्देश दिया गया है। शराब तस्करी से अर्जित की जा रही संपति को जब्त करने की दिश में कार्रवाई की जा रही है।

-अजय नारायण यादव, एसडीपीओ, सदर मधेपुरा


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