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झंडा फहराने को लेकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में वार्डन व संचालक के बीच हुआ विवाद

संवाद सूत्र पुरैनी (मधेपुरा) मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय परिसर में गण

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:56 PM (IST)
झंडा फहराने को लेकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में वार्डन व संचालक के बीच हुआ विवाद
झंडा फहराने को लेकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में वार्डन व संचालक के बीच हुआ विवाद

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय परिसर में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन को लेकर संचालक व वार्डन के बीच हुए नोकझोंक का मामला जहां काफी चर्चाओं में है। मामले को लेकर शिक्षा विभाग में भी काफी खलबली मच गई है। जबकि विद्यालय के वार्डन ने झंडोत्तोलन करने से रोकने के बाबत संचालक के विरूद्ध पुरैनी थाना सहित विभाग के पदाधिकारी को आवेदन भेज कर उसके निराकरण की मांग की है।

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मालूम हो कि गणतंत्र दिवस के दिन झंडोत्तोलन को लेकर विद्यालय के संचालक राजेश कुमार व वार्डन श्वेता भारती के बीच झंडा हम फहराएंगे तो झंडा हम फहराएंगे के दावे को लेकर काफी नोकझोंक होने लगी। नोकझोंक के दौरान ही दोनों ने एक-एक रस्सी खींचकर झंडोत्तोलन कर दिए। नोकझोंक के दौरान ही किसी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर इसे वायरल कर दिया। वीडियो के वायरल होते ही पूरे प्रखंड क्षेत्र में उक्त मामला चर्चा का विषय बन गया। वीडियो देखने के बाद कुछ लोग जहां इन दोनों की हरकत को बचकाना कह मामले की खिचाई करने लगे। वहीं कुछ लोग राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने की बात कह कर दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की जोरदार मांग करने लगे हैं। आमलोगों ने शिक्षा विभाग में दो शिक्षकों के बीच हुए इस घटना की जोरदार निदा करते हुए कहा कि यह देशभक्ति नहीं, बल्कि फोटो खींचवाने व समाज के लोगों की नजरों में खुद को पद व ताकत दिखाने की ललक है। इस बाबत वार्डन श्वेता भारती ने पुरैनी थाना, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुरैनी सर्व शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी मधेपुरा राज्य परियोजना निदेशक पटना को आवेदन देकर अभिलंब मामले के निराकरण करने की मांग की है। दिए गए आवेदन के आलोक में पुरैनी थानाध्यक्ष दीपक चंद्र दास ने बताया की वार्डन के द्वारा दिया गया आवेदन प्राप्त हुआ है। लेकिन उनके आवेदन के आधार पर थाना स्तर से कोई भी कार्रवाई करने का मामला नहीं बनता है। वही संचालक राजेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से हर मौके पर झंडोत्तोलन करते आ रहे थे। इसीलिए इस बार भी झंडोत्तोलन करने गए थे। जबकि इस मामले में वार्डन श्वेता भारती का कहना है कि कस्तूरबा विद्यालय सह छात्रावास के निगरानी सहित सभी देखरेख की जिम्मेदारी हमारी है। उस नाते संस्था के प्रधान होने के कारण झंडोत्तोलन करने की तैयारी में थी। लेकिन संचालक राजेश कुमार के द्वारा जबरन नोकझोंक कर झंडोत्तोलन कर दिया गया। बहरहाल इस मामले की चर्चा प्रखंड क्षेत्र में काफी जोर-शोर से हो रही है और सभी की नजर इस मामले में वरीय विभागीय पदाधिकारी के निर्देश पर लगी है। इधर सर्व शिक्षा डीपीओ रशीद नवाज ने बताया कि शिक्षक व वार्डन की लड़ाई में मधेपुरा जिला की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। जहां तक वरीयता का सवाल है कि संचालक ही कस्तूरबा स्कूल का सीनियर होता है। ऐसे में वार्डन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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