बेमौसम बारिश से मक्के की फसल को क्षति, किसान चितित
मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में बेमौसम हो रही बारिश व तेज हवा ने मक्का उत्पादक किसानों के अरमान
मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में बेमौसम हो रही बारिश व तेज हवा ने मक्का उत्पादक किसानों के अरमानों पर ग्रहण लगा दिया है। खेतों में लगी मक्के की फसल अब तैयार होने को है, लेकिन किसान अपने खेतों में मक्के की कटाई को लेकर चितित हैं।
प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश किसानों की मक्के की फसल या तो खेतों में पड़ी है या तैयारी करने के लिए किसानों ने खलिहानों व सड़कों के किनारे जमाकर रखी गई है। इधर दो-तीन दिनों से अचानक हुई मुसलाधार बारिश से मक्के की फसल पूरी तरह भींग गई है। अब किसानों को थ्रेसरिग के लिए जहां इंतजार करना पड़ेगा। बारिश में भींगने से मक्के के दानों की गुणवत्ता पर भी असर होने से इसकी कीमत कम मिलेगी। प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों की रही सही आस भी अब टूटती दिख रही है जिससे किसान हताश है। बारिश के साथ तेज हवा चलने से आम की फसल को भी नुकसान हुआ है, लेकिन बारिश से मूंग, आम, कटहल व लीची उत्पादक किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक भी दहशत में आ गए हैं। अब तो ऐसी स्थिति बन गई है कि मक्का की कटाई के लिए कुशल श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। बारिश और तेज हवा के कारण खेतों में गिरे मक्के की फसल देखकर किसानों का हलक सूखने लगा है। किसान बताते हैं कि इस वर्ष खेतों में मक्के की बेहतर फसल देख कर काफी राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन मौसम में आए बदलाव व तेज पछुआ हवा चलने के साथ बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
कोट बेमौसम बारिश से किसान बिलकुल नहीं घबराए। मक्का उत्पादक किसान को कोशिश करनी चाहिए कि बेमौसम बारिश का जल खेतों में किसी भी हालात में जमने नहीं पाए। खेतों में जमे पानी को निकालने के लिए जगह-जगह मेड़ को काट दें, जिससे बारिश होने के बावजूद खेतों का पानी बाहर निकल जाए। खेतों की मिट्टी सूखने के बाद ही मक्के की फसल की कटाई करना फायदेमंद होगा। -सुभाष प्रसाद सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी