Move to Jagran APP

नालों की सफाई के लिए नप गंभीर नहीं, बरसात में होगी परेशानी

मधेपुरा। मानसून आने में अभी मात्र 30 दिन का समय शेष है लेकिन नगर परिषद प्रशासन की ओर से

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 10:38 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 10:38 PM (IST)
नालों की सफाई के लिए नप गंभीर नहीं, बरसात में होगी परेशानी
नालों की सफाई के लिए नप गंभीर नहीं, बरसात में होगी परेशानी

मधेपुरा। मानसून आने में अभी मात्र 30 दिन का समय शेष है, लेकिन नगर परिषद प्रशासन की ओर

loksabha election banner

से शहर के मुख्य नाला समेत 12 उपनालों की सफाई कराने का काम शुरू नहीं किया गया है। अगर मानसून तक यह नाले की साफ नहीं हुई तो पिछले साल की तरह इस बार भी शहर के अधिकांश वार्डो में जलजमाव की समस्या से स्थानीय लोगों को जूझना पड़ सकता है। नप के अधिकारी का कहना है कि कुछ मुहल्ले व मेन रोड के नालों को साफ कराया गया है। शेष जगहों पर अभी सफाई नहीं कराई गई है।

शहर में जलजमाव की समस्या है गंभीर

शहर के अधिकांश मुहल्ले में जलनिकासी के लिए बने नाले कचरे और गंदगी से पटे हुए हैं। इसकी वजह से पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है। बारिश के मौसम में नालों का पानी सड़कों जमा रहता है। सड़क पर गंदा पानी जमा रहने से बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।

मालूम हो कि शहर के पोस्ट ऑफिस रोड, जीवन सदन के आसपास, जगजीवन आश्रम रोड, मस्जिद चौक के पश्चिम, आजादनगर, रामरहीम रोड आदि जगहों पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है। इन इलाकों में रहने वाले लोग जलजमाव की परेशानी को लेकर नगर परिषद के पार्षद व अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नगर परिषद प्रशासन जलजमाव की इस समस्या से निजात दिलाने को लेकर लापरवाह बना हुआ है। वहीं, नगर परिष के वार्ड पार्षदों का कहना है कि पूरे मामले जानकारी नप अधिकारियों को है। इसके बाद भी अब तक इन इलाकों में नालों की सफाई शुरु नहीं की गई है। ऐसे में तेज बारिश आते ही एक बार फिर इन इलाकों में रहने वाले लोगों को गंदे पानी के जमाव से दो-चार होना पड़ेगा।

तीन करोड़ से बना नाला किसी काम का नहीं शहर में एक दशक पूर्व डूडा द्वारा लगभग तीन करोड़ की राशि से मेन रोड में नाले का निर्माण किया गया था, लेकिन यह नाला किसी काम का साबित नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि नाला कई जगह टूट भी गया है। शहर के सभी प्रमुख नालों में जाली लगाना भी अनिवार्य है, जिससे कचरा भीतरी हिस्सों में न फंस सके, लेकिन ज्यादातर नाले में या तो जाली का प्रयोग किया ही नहीं गया है या जाली जर्जर हो चुका है। इसकी वजह से सामान्य दिनों में कचरा बहकर नालों के अंदर जाकर पर फंस जाता है। इस वजह से साफ सफाई के दौरान काफी मशक्कत होती है।

कोट नप का प्रयास होगा कि मानसून से पहले नाले की सफाई करा दी जाएगी। हालांकि मजदूरों की कमी इसमे बड़ी समस्या बन गई है। बावजूद सफाई का काम जारी है। -प्रवीण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद मधेपुरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.