सर्द भरी रातें और सिर पर छत नहीं
मधेपुरा । सर्द भरी रातें और सिर पर छत नहीं। कैसे गुजरती होंगी रातें। यह हाल नगर परिषद क
मधेपुरा । सर्द भरी रातें और सिर पर छत नहीं। कैसे गुजरती होंगी रातें। यह हाल नगर परिषद के लोगों का है।
इन्होंने नगर परिषद द्वारा आवास स्वीकृत होने पर अपने पुराने घर तोड़ दिए हैं, लेकिन आवास का निर्माण राशि के अभाव में अब तक नहीं कर सके हैं। यह हाल एक दो लोगों का नहीं बल्कि एक हजार से अधिक लोगों का है।
मालूम हो कि वर्ष 2016 में नगर परिषद ने 1012 आवास लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी थी, लेकिन उसमें मात्र 900 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि का भुगतान किया गया। बचे 112 लाभुकों को अब तक प्रथम किस्त की राशि भी नहीं मिल पाई है। ऐसे में जिन लाभुकों को चार साल पहले आवास की प्रथम किस्त की राशि मिली थी। उनका आवास भी नहीं बन पाया है। वे किसी प्रकार इस ठंड में जीवन जीने को मजबूर हैं। 2016 में मिली थी आवास की स्वीकृति नगर परिषद क्षेत्र के 26 वार्डों को 1012 लोगों को चार नप ने आवास की स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद धीरे-धीरे कर 900 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि भुगतान की गई। इसमें 573 लाभुकों को ही दूसरी किस्त की राशि भुगतान की गई है। 72 लोगों को तृतीय किस्त मिली है, जबकि आवास पूर्ण करने वाले नौ लोगों को अंतिम व चौथी किस्त का भुगतान किया गया है। ऐसे में राशि के अभाव में कई आवास अधूरे पड़े हुए हैं। लाभूकों का कहना है कि दूसरी व तृतीय किस्त की राशि के लिए कई बार नगर परिषद का चक्कर लगा चुके हैं।
आवास आवंटन में हुई है अनियमितता
आवास आवंटन में काफी अनियमितता हुई है, जिन्हें जरूरत थी उसे स्वीकृति नहीं देकर अमीर लोगों को आवास की स्वीकृति दे दी गई है। मामले को लेकर नप के कार्यपालक पदाधिकारी सहित कई लोगों पर प्राथमिकी तक दर्ज हो चुकी है। इस मामले की जांच भी चल रही है। पिछले दिनों दिशा की बैठक में भी मामला उठा था। कोट मानक के अनुसार आवास निर्माण नहीं किए जाने के कारण भुगतान में देरी हुई है। आवास का भौतिक सत्यापन कर राशि का भुगतान किया जा रहा है। -प्रवीण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, मधेपुरा