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अधिप्राप्ति नहीं होने से कौड़ी के भाव धान बेच रहे किसान

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्तर पर धान अधिप्राप्ति की व्यवस्था नहीं किए जाने से किसानों ध

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:43 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:43 PM (IST)
अधिप्राप्ति नहीं होने से कौड़ी के भाव धान बेच रहे किसान
अधिप्राप्ति नहीं होने से कौड़ी के भाव धान बेच रहे किसान

मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र में सरकारी स्तर पर धान अधिप्राप्ति की व्यवस्था नहीं किए जाने से किसानों धान को कौड़ी के भाव बेचने को मजबूर हैं। अबतक किसी भी पंचायत में धान क्रय केंद्र नहीं खुला है। धान अधिप्राप्ति नहीं होने से किसान बिचौलिए व साहूकारों के हाथों काफी कम कीमत पर बेच रहे हैं। किसान एक हजार से 11 सौ रुपये क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हैं। जबकि सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 1865 रुपये क्विंटल निर्धारित है। इसके बाद भी इसका लाभ अबतक किसानों को मिलना प्रारंभ नहीं हुआ है। इस कारण किसानों की कड़ी मेहनत के बावजूद लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं सरकारी स्तर पर किसी प्रकार का ठोस निर्देश नहीं मिल पाने के कारण किसानों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इधर अधिकांश खेतों में धान कटने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। जबकि बिचौलिए व साहूकारों की चांदी कट रही है। बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र से प्रतिदिन कई ट्रक धान दूसरे प्रदेश भेजें जा रहे हैं। किसानों की मानें तो धान अधिप्राप्ति केन्द्र नहीं खुल पाना प्रशासन के उदासीनता को दर्शा रहा है।

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कोट धान अधिप्राप्ति के लिए पैक्स के चयन की प्रक्रिया की जा रही है। वर्ष 2020-21 में धान क्रय का लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है। विगत वर्ष 2019-20 में धान क्रय का लक्ष्य 24 हजार 150 क्विटल था। धान बिक्री के लिए किसानों को आधार से लिक करना आवश्यक है। जल्द से जल्द प्रखंड के विभिन्न पंचायत में धान अधिप्राप्ति केन्द्र खोला जाएगा। जहां मानक के अनुरूप धान क्रय की जाएगी। -प्रभात कुमार, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, बिहारीगंज (मधेपुरा) महंगाई के इस दौर में खाद, बीज, सिचाई के साथ-साथ कीटनाशक दवा, महंगे दर में खरीद कर खेती करते हैं। लेकिन जब फसल तैयार होता है तो बाजार नहीं मिल पाता है। इस वजह से मजबूर होकर 1070 रुपये क्विटल में धान बिचौलिए को बेचना पड़ रहा है। शिवा यादव, हथिऔंधा अधिकांश धान तैयार हो चुका है। स्थिति यह है कि हाट बाजार में व्यापारियों द्वारा सामान्य धान काफी कम दरों में खरीद कर रहे हैं। वहीं अगली फसल की तैयारी के लिए धान बेचना मजबुरी बनी हुई है। अबतक सरकारी स्तर पर कोई केंद्र चालू नहीं होना सरकारी नाकामी दर्शा रहा है। तनुकलाल मंडल, हथिऔंधा

सरकारी स्तर पर समय से धान अधिप्राप्ति केंद्र पंचायत स्तर पर खोल दिया जाय तो किसानों को नुकसान नहीं होगा। नवंबर माह बीतने को है। इसके बावजूद अबतक अधिप्राप्ति कार्य शुरू नहीं हो सका है। पवन ठाकुर, हथिऔंधा धान में बीमारी की वजह से कम उपज के बाद भी बाजार में धान का कोई उचित मूल्य नहीं है। हर वर्ष जब किसान अपनी धान गांव में व्यापारियों के पास सस्ते दरों में बेच लेते हैं। तब सरकार पैक्स को अधिप्राप्ति का निर्देश देती है।

बेचन ठाकुर, हथिऔंधा


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