छठ घाटों पर फैली है गंदगी, प्रशासन लापरवाह
मधेपुरा। चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगा। बा
मधेपुरा। चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगा। बावजूद प्रखंड क्षेत्र के छठ घाटों की सफाई अब-तक शुरू नहीं हुई है। कोरोना के कारण मंदिर पिछले आठ महीनों से बंद पड़े होने के कारण बाबा मंदिर परिसर शिवगंगा व अन्य घाटों का हाल काफी खराब है। प्रखंड क्षेत्र के प्रमुख घाटों में मंदिर परिसर स्थित शिवगंगा घाट, डूबी घाट, लालपुर घाट सहित अन्य जगहों पर धूमधाम से इस लोक आस्था पर्व को मनाया जाता है। यहां मंदिर स्थित शिवगंगा में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने लोगों का तांता लगा रहता है। यहां छठ पूजा के दिन भारी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करते हैं। समय रहते इन घाटों की सफाई नहीं हुई तो छठ व्रतियों को भारी का परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इस बार छठ पूजा में ग्रह नक्षत्रों का बहुत ही शुभ योग है। षष्ठी तिथि 19 नवंबर को रात 21.58 पर प्रारंभ होगी। इस दिन सूर्योदय दह बजकर 48 मिनट पर होगी। इस योग में पूजा करने से परिवार में सुख, शांति धन-समृद्धि बनी रहती है। इस बार छठ पूजा की शुरूआत रवियोग से हो रही है। नहाय खाय रवियोग में हो रहा है। इसके साथ ही सूर्य भगवान को अर्घ्य द्विपुष्कर योग में दिया जाएगा।
21 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठव्रत अनुष्ठान का समापन होगा। साथ ही निर्धारित समय पर अर्घ्य देने से व्रत का पूरी तरह से प्रतिफल मिलेगा। चार दिवसीय छठ महापर्व
18 नवंबर (बुधवार) नहायखाय
19 नवंबर (गुरुवार) खरना
20 नवंबर (शुक्रवार) डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य
21 नवंबर (शनिवार) उगते सूर्य को अर्घ्य छठ घाट की गंदगी की जानकारी मिली है। घाटों का जायजा लिया जाएगा। जल्द ही वरीय पदाधिकारी के आदेशानुसार छठ घाटों की साफ सफाई की जाएगी।
राजकुमार चौधरी
बीडीओ, सिंहेश्वर