सावधान, डिजिटल पेमेंट कंपनियों के नाम पर आ रहा फर्जी फोन
मधेपुरा। आधुनिकरण के इस युग में लोग लगातार एडवांस फीचर्स से लैस होकर जीना चाह रहे हैं
मधेपुरा। आधुनिकरण के इस युग में लोग लगातार एडवांस फीचर्स से लैस होकर जीना चाह रहे हैं। इसको लेकर शहर से लकर ग्रामीण इलाके तक के लोग अधिकांश सामन को ऑनलाइन मंगा रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा की जा रही पहल के बाद से डिजिटल पेमेंट के प्रति भी लोगों का झुकाव काफी तेजी से हो रहा है। कोरोना महामारी को लेकर सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोग घर बैठे बिजली, सिलेंडर, मोबाइल, ब्रॉडबैंड सहित अन्य प्रकार का भुगतान ऑनलाइन करना शुरू किए। लोगों के द्वारा डिजिटल पेमेंट के प्रति बढ़ते प्रचलन को ले साइबर क्राइम में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। विगत कुछ माह पूर्व फेसबुक द्वारा जिले के कई लोगों से उसके दोस्त बनकर इमरजेंसी के नाम पर भी ठगी हुई है। इसके अलावा अब ठग डिजिटल पेमेंट कंपनी के नाम पर फोन कर कैशबैक मिलने की बात कह लोगों के बैंक खातों को साफ करने की कोशिश में जुटे हैं।
कैशबैक का प्रलोभन देकर की जा रही ठगी डिजिटलीकरण के इस दौर में बैंक खातों में जोड़े गए नंबर एवं एटीएम के नंबरों व अन्य जानकारियों के साथ ही कुछ ही मिनटों में डिजिटल पेमेंट मुहैया कराने कंपनी में रजिस्टर इसका लाभ लिया जा सकता है। इस वजह से डिजिटल लेनदेन में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। फोन पे, गूगल पे, पेटीएम सहित अन्य कंपनियों के नाम लेकर साइबर ठग लोगों को फोन कर उन्हें कैशबैक मिला है ऐसा बोलते हैं। इसके बाद उसे उस एप में कुछ स्टेपस फॉलो करने एवं कई संवेदनशील जानकारी लेने की कोशिश करते हैं। अधिक कैशबैक के प्रलोभन में आकर अगर आने उसके द्वारा बताए गए स्टेप्स फॉलो कर अपनी संवेदनशील जानकारी दी तो मिनटों में आपका बैंक खाता खाली हो सकता है। यदि आपके साथ किसी भी प्रकार का डिजिटल फ्रॉड हो तो अविलंब इसकी सूचना संबंधित बैंक को दें। बैंक को ससमय सूचना देने पर आरबीआई के निर्देशों के अंदर आने पर आपके खाते के साथ हुए अवैध रूप से हुए लेन देन का दस दिनों के अंदर वापस किया जाएगा। केश स्टडी-1
मधेुपरा के वार्ड एक निवासी सन्नी कुमार को एक डिजिटल पेमेंट कंपनी के नाम से 19 जुलाई को फोन आया। उस फोन कॉल में उसे उस कंपनी के द्वारा एक हजार रुपये से अधिक का कैशबैक मिलने का प्रलोभन दिया गया। इसके बाद सन्नी के द्वारा कंपनी के ईमेल से इस बात की पुष्टि करने की मांग की गई। इसके अलावा कई और प्रकार की मांग करने पर फोन काट दिया गया। इसके बाद उसने इसकी जानकारी बैंक में उपलब्ध कराई। लेकिन सन्नी के द्वारा किसी प्रकार की गतिविधि नहीं करने के कारण उसे खाते से किसी प्रकार की अवैध निकासी नहीं की गई। केस स्टडी -2 बिहारीगंज प्रखंड के आनंद गुप्ता को भी इस प्रकार का फोन कॉल आया। इसमें उसे पेमेंट एप का अधिक उपयोग एवं अधिक पेमेंट करने के कारण कैशबैक देने क पेशकश की गई। इसपर आनंद ने उसे कैशबैक देने की बात कही तो ठग के द्वारा एक स्टेप्टस फॉलो करने एवं अन्य प्रकार की जानकारी देने के बाद कैशबैक मिलने का प्रलोभन दिया गया। लेकिन आनंद के द्वारा किसी प्रकार की जानकारी नहीं देने पर उसने फोन काट दी। उसके बाद पुन: उस कंपनी के सीनियर अधिकारी के नाम से ठगी की कोशिश की गई। इसके बाद आंनद ने इसकी जानकारी संबंधित बैंक में दी।
साइबर ठगी होने से बचने के लिए करें यह उपाय :- किसी अनजान नंबर से कॉल करने पर ना दें अपनी जानकारी
:- बैंक या किसी कंपनी द्वारा नहीं किया जाता है फोन
:- अपने बैंक, एटीएम व मोबाइल के ओटीपी को ना करें किसी से साझा
:- इस प्रकार के फोन कॉल आने पर एहतियात के तौर पर बैंक को दें जानकारी
:- डिजिटल फ्रॉड होने के तीन दिनों के अंदर बैंक को दें सूचना
:- एटीएम के सीवीवी पिन किसी को न बताएं