संघर्षो के मार्ग पर चलकर लक्ष्य की ओर अग्रसर है राजनंदिनी
मधेपुरा। मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे। जिनके पास अकेले का हौसला होता
मधेपुरा। मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे। जिनके पास अकेले का हौसला होता है एक दिन उसके पीछे काफिला होता है। उक्त बातों को चरितार्थ कर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है राजनंदिनी।
राजनंदिनी ने बताया कि जीवन के हर मोड़ पर समस्याएं और उससे उत्पन्न हुई विपरीत परिस्थितियां हमें हमेशा अपने लक्ष्य से भटकाने का प्रयास करती है, लेकिन हम डटे रहे और निरंतर प्रयास करते रहे तो हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।
बताते चलें कि 2015 में केशव कन्या हाईस्कूल से मैट्रिक और पीएस कॉलेज से 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। जीवन में आने वाले आर्थिक सहित अन्य परेशानियों से लड़ते हुए राजनंदिनी निरंतर आगे बढ़ रही है। वर्तमान में बिहार पुलिस की परीक्षा में पास होने के बाद से उसकी फिजिकल की तैयारी कर रही है। इसके अलावा एथलेटिक्स में रुचि रहने के कारण तैयारियों में जुटी है। काम करते हुए अपने सपने को करना चाहती है पूरा राजनंदिनी ने बताया कि मुझे बचपन से ही पढ़ाई का काफी शौक था। पढ़ाई में अच्छे रहने के कारण मेरे पिता दिनेश ठाकुर और मेरी मां मीना देवी ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पढ़ाई करने के दौरान कई बार घर की आर्थिक स्थिति डंवाडोल होने के कारण पढ़ाई बाधित होने की स्थिति में आ गई। इसको लेकर मेरे पिता ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। बताते चलें कि पिता से मिले प्रोत्साहन के बाद राजनंदिनी ने बच्चों को पढ़ाते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। जीवन में हुए उतार-चढ़ाव के बाद भी इसने हार नहीं मानी। बिहार पुलिस की परीक्षा पास करने के बाद इसने एथलेटिकक्स कोच शंभू कुमार के मार्गदर्शन में फिजिकल की तैयारी शुरु की। इस दौरान एथलेटिक्स में कुछ प्रतियोगिताओं में शामिल होकर सराहनीय स्थान प्राप्त किया। वर्तमान में राजनंदिनी स्कूल में छात्रों को पढ़ाते हुए अपनी तैयारी जारी रख रही है। इसके अलावा राजनंदिनी पौधारोपण और छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं।