विभाग की अनदेखी, कहीं गड्ढों की भरमार तो कहीं कीचड़ में दबी सड़कें
मधेपुरा। जिले में सड़कों की हालत काफी खराब है। खासकर एचएच 106 व 107 के निर्माण नहीं हो
मधेपुरा। जिले में सड़कों की हालत काफी खराब है। खासकर एचएच 106 व 107 के निर्माण नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है। सड़कों पर गड्ढ़े बने हुए हैं तो कहीं कीचड़ में सड़कें दबी हुई हैं।
एनएच 106 का निर्माण में भी काफी अड़चन आ रही है, जबकि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आइएलएफएस को सड़क निर्माण का समय अक्टूबर तक पूरा करने का समय दिया है, लेकिन अब तक मात्र 25 प्रतिशत ही काम हो पाया है। तीन अक्टूबर 2016 को ही कंपनी के साथ चार वर्षों में कार्य पूरा करने का एकरारनामा किया गया। एकरारनामा के अनुसार अक्टूबर 2020 में कार्य को पूरी तरह समाप्त कर देना है, लेकिन अब महज एक माह से भी कम समय बाकी है। ऐसे में समय पर कार्य पूरा करना संभव ही नहीं है।
675 करोड़ रुपये से एनएच 106 का हो रहा कार्य एनएच 106 में बीरपुर के पास से लेकर उदाकिशुनगंज तक के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 675 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है। इस राशि से सड़क, पुल व पुलिया के निर्माण करना है। आइएलएफएस को 106 किलोमीटर एनएच और पुल पुलिया निर्माण का कार्य सौंपा गया। इसे दो अक्टूबर तक पूर्ण करने का समय दिया गया है। 19 साल से अधर में लटका हुआ है कार्य एनएच 106 व 107 का कार्य पिछले 19 साल से अधर में लटका हुआ है। सड़क निर्माण का शिलान्यास वर्ष 2001 में किया गया था, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जब इस एनएच का शिलान्यास हुआ था तो कोसी वासियों को लगा था कि अब दिन बहुरेंगे। सड़क उनके लिए वरदान साबित होगा, लेकिन निर्माण नहीं होने की वजह से यहीं वरदान कोसी वासियों को अभिशाप लग रहा है।
दो फीट तक हो चुके हैं है गड्ढे मधेपुरा से मुरलीगंज के बीच एनएच 107 पर दो फीट तक गड्ढा हो चुके है। थोड़ी सी बारिश में तो वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। 22 किलोमीटर के सफर में दो घंटे का समय लगता है। वहीं एनएच 106 की हालत भी यही है। मधेपुरा से ग्वालपाड़ा तक तक कई जगहों पर निर्माण कार्य हुआ है, लेकिन उसके बाद सड़क की हालत काफी खराब है। ऐसे में लोग जान हथेली पर रखकर यात्रा करते हैं। सड़क निर्माण के लिए किया गया है जनआंदोलन पिछले साल सड़क निर्माण के लिए कोसी व सीमांचल में जनआंदोलन चलाया गया। बिना किसी नेता के इस आंदोलन ने शासन व प्रशासन तक को सकते में डाल दिया। सरकार तक आंदोलन की गूंज पहुंची। आंदोलन को खत्म करने के लिए सांसद को आना पड़ा। आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन उसके बाद भी स्थिति में कोई खास अंतर नहीं आया।
कोट हाई कोर्ट को अक्टूबर तक एनएच 106 के बीरपुर से उदाकिशुनगंज तक का कार्य पूर्ण करने का हलफनामा दिया गया है। अब तक संवेदक द्वारा मात्र 25 प्रतिशत कार्य ही किया गया है। अरुण कुमार, कार्यपालक अभियंता