'एकांतवास' के शस्त्र से कोरोना पर वार
मधेपुरा। कोरोना को लेकर लॉकडाउन से सड़कें सूनी और बाजार बंद हैं। हर ओर खौफ का
मधेपुरा। कोरोना को लेकर लॉकडाउन से सड़कें सूनी और बाजार बंद हैं। हर ओर खौफ का माहौल है। ऐसे माहौल में एकांतवास ही ऐसा शस्त्र है जिससे कोरोना से बचा जा सकता है। होम क्वारंटाइन का मकसद भी यही है। क्वारंटाइन किए गए लोगों के घर के आगे पोस्टर भी लगाए गए हैं। लोगों को घर से दूर रहने को कहा गया है। मधेपुरा में 8151 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है, वहीं 231 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। होम क्वारंटाइन व सेंटर में रह रहे लोगों की जांच के लिए 3438 आशा को लगाया गया है। साथ ही यह जिम्मेवारी दी गई है कि प्रत्येक दिन लोगों की रिपोर्ट दें। चिकित्सकों का कहना है कि 14 दिनों तक एकांतवास में रहने पर अगर कोरोना का लक्षण मिलता है तो तत्काल सैंपल लेकर जांच को भेजा जाएगा। नहीं तो उनसे कोई खतरा नहीं रहेगा। एकांतवास के कारण दूसरे को खतरा नहीं होगा।
मालूम हो कि कोरोना महामारी के कारण स्थिति गंभीर है। जिले में विदेश से 38 लोग आए हैं। वहीं अन्य राज्यों व विभिन्न शहरों से 5676 लोग आए हैं। राहत की बात है कि अब तक जिले में एक भी कोरोना पोजेटिव केस नहीं मिला है। फिर भी थोड़ी सी असावधानी से खतरा हो सकता है।
निगेटिव रिपोर्ट से मिलेगी राहत जिले में 19 संदिग्ध को चिह्नित कर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। इसमें आठ की रिपोर्ट मिली है। सभी निगेटिव है। वहीं 11 की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। अगर सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली थोड़ी राहत होगी। वहीं लगातार बाहर से आ रहे लोगों से लोगों के मन में डर बना हुआ है। वहीं तब्लीगी जमात में मधेपुरा के एक भी लोगों का अब तक शामिल नहीं होने की खबर से सुकून है। क्वारंटाइन किए गए लोग प्रखंड होम क्वारंटाइन क्वारंटाइन सेंटर में
-: आलमनगर 893 00
-: बिहारीगंज 463 51
-: चौसा 853 00
-: गम्हरिया 246 00
-: गैलाढ़ 297 44
-: ग्वालपाड़ा 523 00
-: कुमारखंड 912 00
-: मधेपुरा 544 14
-: मुरलीगंज 391 02
-: पुरैनी 694 00
-: शंकरपुर 302 94
-: सिंहेश्वर 370 00
-: उदाकिशुनगंज 724 26
-: नगर परिषद मधेपुरा 939 00
कोरोना से बचाव के लिए बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन व क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। 14 दिनों तक उनपर नजर रखी जानी है। इसके लिए आशा को लगाया गया है। ताकि कोरोना से बचाव हो सके। -डॉ. सुभाष चंद्र श्रीवास्तव,
सिविल सर्जन, मधेपुरा