पंचायत ओडीएफ, खूले में शौच जा रहे लोग
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र की सभी पंचायतों के वार्ड ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। ले
मधेपुरा। उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र की सभी पंचायतों के वार्ड ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। लेकिन लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं। अधिकांश लोगों को इस बात का पता नहीं है कि खुले में शौच करने से बीमारी या महामारी फैलती है। यह बीमारी मौत का कारण भी बन सकती है। प्रशासनिक दावा है कि शौचालय को लेकर लोगों को जागरूक किया गया है। यद्यपि हकीकत प्रशासनिक दावे की पोल खोल रहा है। वजह कि क्षेत्र के ग्रामीण इलाके हो या शहरी। मुख्यालय में हद तक व्यवस्था सुधरी है। लेकिन मुख्यालय से सटे और दूर दराज के टोले, मोहल्ले ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति नहीं सुधर पाया है। खासकर गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों की सोच में बदलाव नहीं हुआ है। प्रशासन के दस्तावेज में शौचालय निर्माण की शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन उन दावों को क्या कहेंगे, जहां घरों से बाहर लोग शौच करने जा रहे हैं।
जानकार बताते हैं कि यह सही है कि अधिकांश लोगों के घर शौचालय बन गया है, जबकि कई लोगों को बिना शौचालय निर्माण के ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है। प्रोत्साहन राशि के भुगतान में बड़े पैमाने पर धांधली बरती गई है। एक ही जगह के शौचालय का लोगों ने अलग अलग फोटो राशि भुगतान के लिए समर्पित किया है। राशि लोगों के पेट का निवाला बन गया। ऐसे मानसिकता वाले करीब 30 फीसदी लोग बताएं जा रहे हैं। जबकि शौचालय निर्माण के बाद भी उपयोग नहीं करने वालो की संख्या करीब 55 फीसदी बताई जा रही है। प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लेकिन अधिकिरी के पास शौचालय निर्माण के आंकड़ा नहीं है। इलाके में लोहिया स्वच्छता, मनरेगा योजना, पीएचइडी विभाग से शौचालय निर्माण के लिए राशि मिलने की बात बताई जा रही है। इलाके में खुले में शौच स्वच्छता की पोल खोल रहा है। बीड़ीरणपाल गांव के इनरजीत पासवान, सुबोध पासवान, बौकू पासवान,जयकृष्ण यादव, चणरदेव राम, अशोक यादव, कारेलाल यादव, नीरो यादव, सुबोध मंडल आदि का कहना है कि उसे शौचालय नहीं है। इसमें से कुछ लोगों ने बताया कि शौचालय घर में है। खुले में शौच जाने के बावत लोगों ने बताया कि आदत सी पड़ी हुई है।
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खुले में शौच से महामारी फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। इससे लोगों में तरह-तरह की बीमारियों होती हैं। लोगों को खुले में शौच नहीं करना चाहिए। डॉ. आइबी कुमार,
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,
उदाकिशुनगंज (मधेपुरा) शौचालय का उपयोग करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके लिए वार्ड, गांव, प्रखंड स्तर पर समितियां बनाई गई। लोगों को खुले में शौच नहीं करना चाहिए।
-मुर्सिद अंसारी, बीडीओ,
उदाकिशुनगंज(मधेपुरा)