रामनगर काली मंदिर में होती है मन्नतें पूरी
मधेपुरा। रामनगर महेश स्थित काली मंदिर आस्था और विश्वास का प्रतीक है। लोगों का मानना है ि
मधेपुरा। रामनगर महेश स्थित काली मंदिर आस्था और विश्वास का प्रतीक है। लोगों का मानना है कि मां काली के इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 1905 ई. में बाबू सोनेलाल झा के द्वारा 52 डीसमिल जमीन देकर मां काली मंदिर की स्थापना स्थानीय पंडित नंदलाल झा, पंडित सोनेलाल झा, पंडित छत्रधारी ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों के सहयोग से किया था। 114 वर्ष से दक्षिणेश्वर काली को स्थापित कर ग्रामदेवी के रूप में शुरू की गई। पूजा-अर्चना की परंपरा अभी तक जारी है। मंदिर के पुजारी ब्रह्मानंद ठाकुर बताते हैं कि काली पूजा में वर्षों से कांकड़ निवासी मूर्तिकार होरिल पंडित द्वारा हर वर्ष माता के भव्य प्रतिमा का निर्माण किया करते थे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र चुतहरू पंडित द्वारा माता के प्रतिमा का निर्माण किया जाने लगा था। वर्तमान में छूतहरु पंडित के बाद उनके पौत्र महादेव पंडित द्वारा मां काली समेत जोगनी, भगजोगनी, महादेव, गणेश, भैरव देवी समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा बनाई जाती है। यहां प्रत्येक मंगलवार को मंदिर में कीर्तन भजन का आयोजन किया जाता है। काली माता की महिमा के बारे में यह प्रसिद्धि है कि यहां आनेवाले हर श्रद्धालु की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यहां निशा बलि दी जाति है। यहां मेला का भी आयोजन किया जाता है। पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष गिरिजानंद ठाकुर बच्चन, सचिव नर्मदेश्वर झा एवं पंडित जयचंद्र झा, केदार प्रसाद साह, नारायण झा, इन्द्रनाथ झा, सुधीर ठाकुर, कैलाशपति झा, बिन्देश्वरी राय, बिमलचंद्र झा, कामोज मिश्र, देवेश झा सहित अन्य ग्रामीण आयोजन के सफलता में लीन रहते है। वहीं मेला आयोजक विमलचन्द झा एवं अन्य सहयोगियों द्वारा मेला की सुरक्षा की जाती है।