कोरोना के खौफ पर भारी पड़ी आस्था, 114 घाटों पर श्रद्धालुओं ने दिया अर्घ्य
मधेपुरा। कोरोना के खौफ पर आस्था भारी पड़ा। जिले के 114 घाटों पर पहुंचकर लोगों ने भग
मधेपुरा। कोरोना के खौफ पर आस्था भारी पड़ा। जिले के 114 घाटों पर पहुंचकर लोगों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। शनिवार को उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। प्रशासन ने जिले में 42 घाटों को खतरनाक घोषित किया था। छठ के दौरान आलमनगर में दो व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई है। छठ को लेकर घाट पर विशेष इंतजाम किया गया था। सभी घाटों पर सुरक्षा को लेकर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। पर्व को लेकर शहर के भिरखी, गुमटी पुल, जयपालपट्टी, गोशाला, सुखासन, साहुगढ़ सहित अन्य घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में काफी नियम-निष्ठा के साथ भगवान सूर्य की आराधना की गई। व्रती ने निर्जला उपवास रखकर भगवान सूर्य की उपासना की। घाट पर लाइट की भी व्यवस्था की गई थी। जो काफी सुंदर दिख रहा था। वहीं घाट पर डालों व सूपों को बड़े ही सुंदर ढंग से सजाया गया था। इस दौरान जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद रहे। पर्व को लेकर छठ घाट पर प्रशासनिक अधिकारी जायजा लेते रहे। वहीं छठ घाटों पर दुर्घटना रोकने के लिए घाट पर मोटरवोट लगाया गया था। यही नहीं छठ घाट पर गोताखोर भी तैनात किया गया था। ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर निपटा जा सके। छठ घाटों पर सादे लिवास में भी पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। साथ ही गहरे घाट पर बैरिकेटिग की गई थी। शनिवार को विधायक प्रो.चंद्रशेखर ने छठ घाट पर पहुंचकर लोगों से मिले। घाटों पर गूंजते रहे छठी मैया के गीत घठ घाट सहित पूरा क्षेत्र छठ गीतों से गूंजता रहा। छठी मइया के गीत हर किसी के जुबान पर था। घाट आकर्षक ढंग से सजा रहने के कारण सुंदर दिख रहा था। खासकर शारदा सिन्हा के गीत हर जगह बज रहा था। वहीं लाइट की भी बेहतर व्यवस्था की गई थी।